नई टिहरी : केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर में आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में कवियों ने अपनी रचनाओं से मंत्र मुग्ध कर दिया। हिंदी पखवाड़ा कार्यक्रम के तहत आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में विभिन्न स्थानों से आए कवियों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत की। हिंदी पखवाड़ा कार्यक्रम के तहत आयोजित कवि सम्मेलन में प्रसिद्ध कवि गजेंद्र सोलंकी ने हिंदी की महिमा वर्णित करते हुए सुनाया कि रसों, छंदों, अलंकारों का सुरक्षित गांव है हिंदी,सनातन प्रेम संस्कारों का एक काम है हिंदी। वरिष्ठ कवि श्रीकांत श्री ने अपने गीतों में भगवान श्रीराम की व उत्तराखंड के तीर्थधामों की महिमा गाई। जसबीर सिंह हलधर ने कविता पाठ में गांवों की दुर्दशा वर्णित की। पारिवारिक परिस्थितियों को मनोरंजन से जोड़ते हुए डॉ. ऋतु ने सुनाया कि तू-तू मैं-मैं के पचड़े में पड़ना बहुत जरूरी है, एक दूजे के मत्थे गलती मढ़ना बहुत जरूरी है। (एजेंसी)