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अमृतपाल सिंह का यूपी से लिंक? जांच के बाद पुलिस की यहां हो रही छापेमारी

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रुद्रपुर। खालिस्तान समर्थक और ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह अभी तक पुलिस की पकड़ में नहीं आया है। पंजाब, यूपी, दिल्ली सहित कई राज्यों की पुलिस भगोड़े को तलाशन में पूरी कोशिश करी रही है। खूफिया विभाग के इनपुट को भी साथ लेकर कई संभावित इलाकों में छापेमारी की कार्रवाई की जा रही है।
नेपाल भागने के अपडेट पर उत्तराखंड पुलिस द्वारा यूपी बॉर्डर को सील किया गया है। यूपी बॉर्डर पर पुलिस पर आने-जाने वाले सभी यात्रियों की आईडी की चेक की जा रही है। बॉर्डर पार करने वाली गाड़ियों की भी सघनता से चेकिंग की जा रही है। पुलिस का दावा है कि अमृतपाल के लिए यूपी बॉर्डर को क्रॉस करना नहीं होगा।
तो दूसरी ओर, उत्तराखंड में नेपाल अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर भी गश्त बढ़ाई गई ताकि अमृतपाल नेपाल भागने में कामयाब न हो सके। अमृतपाल के उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर के जत्थेदार की कार से पंजाब पहुंचने की संभावना के बीच अब जांच एजेंसी भी अलर्ट मोड पर आ गई है।
अमृतपाल की तलाश में अब सुरक्षा एजेंसियां उसके उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल से लिंक तलाशने में जुट गई हैं। एजेंसियां हर संभावित स्थानों पर छापेमारी कर रही हैं, जहां अमृतपाल सिंह को रुकने की जगह मिल सकती है। इसके अलावा अमृतपाल के करीबियों की सूची तैयार कर पूछताछ की जा रही है।
पुलिस सूत्रों की बात मानें तो यूपी के कई शहरों पर भी सुरक्षा एजेंसियों की नजर है। पुलिस ने दावा किया है कि अमृतपाल का यूपी बॉर्डर पार कर उत्तराखंड में प्रवेश करने की कोशिश को हरहाल में नाकाम कर दिया जाएगा। पूछताछ में सामने आया है कि अमृतपाल कुमाऊं से लगी सीमा से नेपाल भागने की फिराक में है।
बताया जा रहा है कि अमृतपाल यूपी के पीलीभीत से होते हुए ऊधमसिंह नगर पहुंच गया था। पीलीभीत में उसने एक वीडियो बनाई और ऊधमसिंह नगर नंबर की गाड़ी लेकर पंजाब लौट गया। इससे आशंका जताई जा रही है कि अमृतपाल कुछ दिनों तक उधमसिंह नगर और पीलीभीत में भी रहा।
अब पुलिस अमृतपाल का कुमाऊं से लिंक तलाशने में जुट गई है। पुलिस अमृतपाल के ठहरने के संभावित क्षेत्रों में दबिश दे रही है। साथ ही उसके करीबियों से पूछताछ की जा रही है। पुलिस को आशंका है कि यहां के कुछ लोगों ने उसके भागने में मदद की थी।
अमृतपाल के करीबियों पर पैनी नजर
अमृतपाल के ऊधमसिंह नगर के जत्थेदार की कार से पंजाब पहुंचने की संभावना के बीच अब सुरक्षा एजेंसियां उसके कुमाऊं से लिंक तलाशने में जुट गई हैं। एजेंसियां हर संभावित स्थानों पर दबिश कर रही हैं, जहां अमृतपाल सिंह को रुकने की जगह मिल सकती है। इसके अलावा अमृतपाल के करीबियों की सूची तैयार कर पूछताछ की जा रही है।
वारिस पंजाब दे का प्रमुख और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के फरार होने के बाद से उत्तराखंड की पुलिस उसे तलाश रही है। पूछताछ में सामने आया है कि अमृतपाल कुमाऊं से लगी सीमा से नेपाल भागने की फिराक में है। बताया जा रहा है कि अमृतपाल पीलीभीत होते हुए ऊधमसिंह नगर पहुंच गया था।
लीभीत में उसने एक वीडियो बनाई और ऊधमसिंह नगर नंबर की गाड़ी लेकर पंजाब लौट गया। इससे आशंका जताई जा रही है कि अमृतपाल कुछ दिनों तक ऊधमसिंह नगर और पीलीभीत में भी रहा। अब पुलिस अमृतपाल का कुमाऊं से लिंक तलाशने में जुट गई है। पुलिस अमृतपाल के ठहरने के संभावित क्षेत्रों में दबिश दे रही है। साथ ही उसके करीबियों से पूछताछ की जा रही है। पुलिस को आशंका है कि यहां के कुछ लोगों ने उसके भागने में मदद की थी।
सोशल मीडिया में मॉनिटरिंग तेज
पुलिस को शक है कि अमृतपाल सिंह सोशल मीडिया के जरिए अपने साथियों से बात कर रहा है। उसके समर्थकों ने व्हाट्सएप ग्रुप बनाए हैं। ग्रुप में ही समर्थक रणनीति तैयार कर रहे हैं। पुलिस ने भी सोशल मीडिया में मॉनिटरिंग तेज कर दी है। साइबर एक्सपर्ट की टीम को अमृतपाल संबंधी हर पोस्ट पर नजर बनाए रखने को कहा है।
पूरे मामले में पुलिस शुरू से ही सतर्कता बरते हुए है। सीमा पर चेकिंग से लेकर संभावित स्थानों में छानबीन की जा रही है। इसके अलावा सोशल मीडिया में भी कड़ी नजर रखी जा रही है।
डॉ. नीलेश आनंद भरणे, आईजी कुमाऊं

यूपी वाले करा लेते हैं उत्तराखंड से रजिस्ट्रेशन
यूपी का सीमावर्ती क्षेत्र यूएस नगर जिले से जुड़ा हुआ है। उत्तराखंड में रोड टैक्स यूपी की अपेक्षा कम होने के चलते सीमावर्ती जिले के लोग वाहन का रजिस्ट्रेशन अक्सर उत्तराखंड से करा लेते हैं। इसके लिए स्थानीय पते की जरूरत होती है। लोकल में भी अधिकांश लोगों की रिश्तेदारियां हैं। ऐसे में स्थानीय पता लिखने में भी आसानी हो जाती है।

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