नए मतदान केंद्र बनाने के पक्ष में नहीं राजनैतिक पार्टियाँ
देहरादून। भाजपा-कांग्रेस ने आगामी विधानसभा चुनाव-2022 के लिए नए मतदान केंद्र बनाने पर एतराज जताया है। निर्वाचन आयोग मतदान के दौरान कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए नए मतदान केंद्र बनाना चाहता है, लेकिन दलों ने चुनाव में कम समय को देखते हुए इस पर सहमति नहीं दी है। कोविडकाल में हो रहे चुनावों के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने एक मतदान केंद्र पर अधिकतम एक हजार मतदाता ही रखने का मानक तय किया है। इस लिहाल से मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय को उत्तराखंड में भी करीब दो हजार अतिरिक्त केंद्र बनाने पड़ रहे हैं। इसके लिए आयोग ने बीते दिनों सभी दलों के साथ आयोजित बैठक में विचार विर्मश भी किया। लेकिन दलों ने अब चुनाव में कम समय को देखते हुए, नए मतदान केंद्र बनाने पर सहमति व्यक्त नहीं की है। प्रमुख दलों ने सुझाव दिया है कि आयोग नए केंद्र बनाने के बजाय मौजूदा केंद्रों पर ही अतिरिक्त बूथ बनाएं। इससे मतदाताओं को केंद्र तक पहुंचने में आसानी रहेगी। उत्तराखंड में इस समय कुल मतदान केंद्रों की संख्या 12230 के करीब है। इसमें कई केंद्रों पर एक हजार से अधिक मतदाता हैं, दिक्कत यह है कि कई केंद्रों पर अतिरिक्त बूथ बनाने के लिए कमरे भी उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं।
राजनैतिक दलों की चुनावी रणनीति मतदान केंद्रों पर आधारित होती है। इसलिए लिहाज से हमें बूथ कमेटियों का गठन से लेकर पन्ना प्रमुख तक नियुक्त करने होते हैं, इसलिए चुनाव में कम समय को देखते हुए अब नए केंद्रों का गठन ठीक नहीं है। -राजेंद्र भंडारी, प्रातीय महामंत्री
चुनाव में अब कम समय है। नए केंद्र बनाने से राजनैतिक दलों को तो मुश्किल होगी ही, मतदाताओं को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। इसके बजाय आयोग अतिरक्त बूथ बना सकता है। हमने आयोग को अपनी राय जाहिर कर दी है। -सूर्यकांत धस्माना, मुख्य प्रवक्ता कांग्रेस