अल्मोड़ा जिला पंचायत अध्यक्ष पद महिला आरक्षित होने पर सियासी हलचल तेज

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अल्मोड़ा। अल्मोड़ा जिला पंचायत अध्यक्ष पद सामान्य महिला के लिए आरक्षित होने के बाद जिले की सियासत में हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दल अपने-अपने समीकरण साधने में जुट गए हैं। इस बार के पंचायत चुनाव में कांग्रेस समर्थित 16, भाजपा समर्थित 14 और 15 निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है। स्पष्ट बहुमत किसी के पास नहीं होने से दोनों प्रमुख दलों की नजर अब निर्दलीय विजेताओं पर टिक गई है। अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख का चुनाव सीधे जनता से न होकर निर्वाचित सदस्यों के माध्यम से होता है, जिससे राजनीतिक जोड़तोड़ और खरीद-फरोख्त की चर्चाएं भी जोरों पर हैं। आरक्षण की स्थिति को लेकर भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। चर्चा है कि यदि कुछ राजनीतिक दलों या निर्वाचित सदस्यों द्वारा आपत्ति दर्ज की गई, तो अध्यक्ष पद को अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित किया जा सकता है। फिलहाल यदि अध्यक्ष पद सामान्य महिला के लिए आरक्षित रहता है, तो कांग्रेस समर्थित सुनीता कुंजवाल को प्रमुख दावेदार के रूप में देखा जा रहा है। वहीं भाजपा ममता कनवाल या चंपा देवी के नाम पर विचार कर रही है। इस बीच निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में विजयी हेमा गैड़ा भी मजबूत दावेदारी पेश कर सकती हैं। यदि आरक्षण में बदलाव होता है और पद अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित हो जाता है, तो भाजपा की ओर से पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मोहन राम आर्या की पत्नी चंपा देवी मैदान में उतर सकती हैं। वहीं कांग्रेस की ओर से हेमा देवी या पूजा आर्या को प्रत्याशी बनाए जाने की संभावना जताई जा रही है। कुल मिलाकर, आरक्षण की स्थिति स्पष्ट न होने से असमंजस की स्थिति बनी हुई है, और दोनों प्रमुख दलों ने निर्दलीयों के दरवाजे खटखटाने शुरू कर दिए हैं। अगले कुछ दिन जिले की राजनीति के लिहाज से निर्णायक माने जा रहे हैं।

 

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