नई दिल्ली ,। राजधानी दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में तेजी से बिगड़ती हवा की गुणवत्ता को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने बड़ा कदम उठाया है। आयोग ने तत्काल प्रभाव से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान लागू करने का आदेश दिया है।
रविवार को दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 211 दर्ज किया गया, जो ‘खराब श्रेणी में आता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, शून्य से 50 तक ्रक्तढ्ढ को ‘अच्छाÓ, 51 से 100 तक ‘संतोषजनकÓ, 101 से 200 तक ‘मध्यमÓ, 201 से 300 तक ‘खराबÓ, 301 से 400 तक ‘बहुत खराब और 401 से 500 तक ‘गंभीर श्रेणी में गिना जाता है।
त्रक्र्रक्क-1 के तहत ये पाबंदियां रहेंगी लागू
त्रक्र्रक्क-1 के प्रावधानों के तहत सड़क किनारे ढाबों और रेस्टोरेंट्स में कोयले या लकड़ी से खाना पकाने पर रोक लगाई गई है। इसके साथ ही खुले में कचरा या पत्ते जलाने पर सख्त प्रतिबंध रहेगा। प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए निर्माण स्थलों और औद्योगिक इकाइयों पर भी निगरानी बढ़ाई जाएगी, ताकि वायु उत्सर्जन सीमित किया जा सके।
सांस लेने में बढ़ी परेशानी, स्वास्थ्य विशेषज्ञ चिंतित
जैसे-जैसे ठंड का मौसम नजदीक आ रहा है, दिल्ली की हवा और अधिक जहरीली होती जा रही है। कई इलाकों में ्रक्तढ्ढ 200 से 300 के बीच पहुंच गया है, जिससे लोगों को सांस लेने में कठिनाई, खांसी, और आंखों में जलन जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि वायु गुणवत्ता में लगातार गिरावट बुजुर्गों, बच्चों और अस्थमा के मरीजों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती है।
धुंध से ढका शहर, दृश्यता हुई प्रभावित
राजधानी के कई हिस्सों में सुबह और शाम के समय घनी धुंध की परत देखी जा रही है। इंडिया गेट, राजपथ, और आईटीओ जैसे प्रमुख इलाकों में दृश्यता कम हो गई है। आने वाले दिनों में 14 से 16 अक्टूबर तक वायु गुणवत्ता के ‘खराबÓ श्रेणी में बने रहने की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग और पर्यावरण एजेंसियों का अनुमान है कि यदि हवा की गति धीमी रही और पराली जलाने की घटनाएं बढ़ीं, तो प्रदूषण स्तर ‘बहुत खराबÓ श्रेणी में जा सकता है।