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प्रोटेम स्पीकर को लेकर सत्ता पक्ष-विपक्ष में टकराव पर पूनावाला का कांग्रेस पर निशाना

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नई दिल्ली, लोकसभा का 18वां सत्र शुरू होने से पहले पहले प्रोटेम स्पीकर को लेकर सियासी बवाल मचा है। इस पूरे मामले पर बीजेपी नेता शहजाद पूनावाला ने कांग्रेस पर जोरदार निशाना साधा है। पूनावाला ने कहा, जयराम रमेश, केसी वेणुगोपाल और कांग्रेस पार्टी आमादा है कि एक आदिवासी समाज से आने वाले हमारे पार्लियामेंट्री अफेयर्स किरण रिजिजू पर झूठे आरोप लगाकर उन्हें अपमानित करें। वैसे तो इनकी पार्टी ने आदिवासी समाज से आने वाली राष्ट्रपति का भी अपमान किया है। वो कहते हैं कि महताब जी को, जो कि सात बार लगातार सांसद रहे हैं, उनको प्रोटेम स्पीकर नियुक्त करना संवैधानिक व्यवस्था का पूरी तरह से उल्लंघन है। अब समझिए कि संविधान और पार्लियामेंट्री कमीशन क्या कहता है। सुप्रीम कोर्ट स्पष्ट कर चुका है कि सबसे वरिष्ठ को प्रोटेम स्पीकर बनाना जरूरी नहीं है। हालांकि, प्रावधान यह है कि जो सबसे ज्यादा बार लगातार सांसद रहता है, उसे प्रोटेम स्पीकर बनाया जाता है। अब समझिए कि फैक्ट क्या है? महताब जी लगातार सात बार सांसद बने हैं, बिना किसी रोक के। वहीं, के सुरेश, जिनका नाम ये लोग बता रहे हैं, वो बिल्कुल आठ बार सांसद बने हैं, लेकिन लगातार नहीं बने हैं, क्योंकि बीच में वो दो बार एमपी नहीं थे। इसका मतलब वो महज लगातार चार बार ही सांसद रहे हैं।उन्होंने कहा, मैं आपको बता दूं कि कांग्रेस पार्टी को यह सब पता है, लेकिन इसके बावजूद भी वो झूठे आरोप लगा रही है और यही कांग्रेस पार्टी जब यूपीए में थी, तब उन्होंने ही ये परंपरा बनाई, और फॉलो नहीं किया। 2004 में वाजपेयी जी दस बार सांसद रहे। वहीं जॉर्ज फर्नांडिस 9 बार सांसद रहे और भी कई लोग थे, लेकिन उन सभी को अनदेखा करते हुए किसी और को कांग्रेस ने प्रोटेम स्पीकर बनाया। उस वक्त उनको अपना कन्वेंशन याद नहीं आया।उन्होंने आगे कहा, झारखंड सरकार ने भी अपना प्रोटेम स्पीकर बनाते समय इस नियम को फॉलो नहीं किया। यह साल 2005 की बात थी और सारे मामले सुप्रीम कोर्ट में कई बार गए हैं। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने भी इनको समझाया है, तो ये है कांग्रेस का चरित्र। यही है जयराम रमेश का चरित्र, जो भी बातें मैं कह रहा हूं, पूरे फैक्ट के साथ कह रहा हूं।

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