मोदी सरकार की प्राथमिकता रहेंगे गरीब और विकास
नई दिल्ली, एजेंसी। भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक सोमवार को नई दिल्ली के एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में शुरू हुई। बैठक के पहले दिन ही पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बता दिया कि यह साल उनके लिए बेहद महवपूर्ण है, क्योंकि इस साल नौ राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं और उन्हें (भाजपा को) इनमें जीत दर्ज करनी है। इसके लिए पार्टी अध्यक्ष ने अपने तौर पर अपनी प्राथमिकताएं भी बताईं, लेकिन कन्वेंशन सेंटर अपने आप में ही भाजपा की प्राथमिकताओं की लिस्ट बयान कर रहा था।
बैठक में एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर के ऊपर जो सबसे बड़ा बैनर लगाया गया था, उस पर श्गरीब कल्याण, हमारा संकल्पश् लिखा था। यह बता रहा था कि सरकार के लिए गरीबों के लिए कल्याणकारी योजनाएं प्राथमिकता में बनी रहने वाली हैं। यूपी-उत्तराखंड से लेकर गुजरात तक के विधानसभा चुनावों के बाद हुए सर्वेक्षणों ने यह बात बताई है कि मोदी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं ने उसके लिए जीत का दरवाजा खोला है। इससे प्रभावित दिखी भाजपा इसे अभी भी लगातार आगे बढ़ाती रहने वाली है। हालांकि, इसके लिए उसे कमजोर आर्थिक व्यवस्था में कल्याणकारी योजनाओं के लिए भारी खर्च को जुटाने की चुनौती से जूझना पड़ेगा।
कन्वेंशन सेंटर के दाईं और बाईं ओर मोदी सरकार के द्वारा किए गए कार्यों को चित्रों के माध्यम से दर्शाया गया है। इसमें दाईं ओर अयोध्या, काशी, सरदार पटेल की एकता मूर्ति और प्रगति मैदान पर नेता जी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमाओं की छवि बनी है, तो बाईं ओर एकता रक्षा क्षेत्र में केंद्र सरकार द्वारा की गई पहल राफेल विमानों की खरीद, मेट्रो, वंदे भारत ट्रेन और आयुध निर्माण में तेजी से आगे बढ़ रहे देश की छवि पेश की गई है। पीएम के रोड शो के दोनों ओर भी सरकार के द्वारा गरीबों के लिए शुरू की गई योजनाओं की बड़ी-बड़ी तस्वीरें अंकित हैं। इन छवियों का विश्लेषण करने पर भाजपा का 2023-24 का रोड मैप समझ में आ जाता है। उसकी सबसे बड़ी प्राथमिकता गरीबों का कल्याण और विकास रहने वाला है।
पहले दिन की बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस करते हुए भाजपा नेता रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बैठक में बताया कि देश में 1़30 लाख कमजोर बूथों की पहचान की गई है। इनमें से 70 हजार बूथों को मजबूत करने का काम किया जा चुका है और बाकी पर काम चल रहा है। हम इन पर मजबूत होकर सभी राज्यों और इसके बाद लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करेंगे।
बैठक में चार प्रस्ताव पास किए जा सकते हैं। इनमें राजनीतिक प्रस्ताव में भाजपा को एतिहासिक जीत दिलाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया जा सकता है। इसके अलावा आर्थिक प्रस्ताव में दुनिया में आसन्न आर्थिक संकट के बीच गरीब कल्याण जारी रहने और विकास को बनाए रखने की नीतियों को प्राथमिकता दी जा सकती है। पार्टी जी-20 की बैठक के जरिए देश की छवि महवपूर्ण बनाने और इसमें हर देशवासी की भूमिका सुनिश्चित करने की कोशिश की जा सकती है।
भाजपा ने हिंदुत्व के अपने कोर एजेंडे के साथ-साथ समाजवादी दलों के सामाजिक न्याय के एजेंडे को साथ शामिल कर लिया है। उसने अपनी अगड़ी जातियों की छवि को तोड़ने के लिए केंद्र राज्य सरकारों के मंत्रिमंडल और सरकारी योजनाओं में सभी जातियों-वर्गों को साथ लेने की पहल की है। आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाने से लेकर अन्य वर्गों को साथ लेने का संदेश देने की कोशिश की गई है। चूंकि, भाजपा की यह रणनीति लोकसभा चुनावों और विधानसभा चुनावों में उसे अजेय बनाती दिख रही है, पार्टी इस रणनीति पर आगे बढ़ सकती है और यह समीकरण उसके प्रस्तावों में साफ दिखाई पड़ सकता है।
इसके पहले जुलाई 2022 में हैदराबाद में आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी में प्रधानमंत्री मोदी ने गरीब और पिछड़े पसमांदा मुस्लिम समुदाय को अपने साथ जोड़ने के लिए अभियान चलाने की बात कही थी। इसे पार्टी की नीतियों में बड़े बदलाव की तौर पर देखा गया था। माना जा रहा है कि 17 जनवरी को अपने संबोधन में पीएम मोदी भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए इसी तरह का लक्ष्य निर्धारित कर सकते हैं, जो देश-पार्टी और नागरिकों के विकास में सहायक हो। इसमें पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता बरतने के साथ-साथ गरीबों के कल्याण को प्राथमिकता दी जा सकती है।
बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृहमंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्रियों योगी आदित्यनाथ, हेमंत बिस्वा सरमा, मनोहरलाल खट्टर, भूपेंद्र पटेल और शिवराज सिंह चौहान सहित 350 नेताओं ने भाग लिया। बैठक को संबोधित करते हुए पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि 2023 का वर्ष उनके लिए बहुत महवपूर्ण है। इस साल नौ राज्यों में विधानसभा चुनाव और अगले वर्ष लोकसभा चुनाव होने हैं। उन्होंने बताया कि इनकी जीत के लिए पुरजोर तैयारियां की जा रही हैं।