दम तोड़ गई गरीबों की योजना, सड़क पर पड़े कपड़े
गरीब व असहाय परिवारों को कपड़े उपलब्ध करवाने के लिए बनाई गई थी योजना
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : शहर में गरीब व असहाय परिवारों को कपड़े उपलब्ध करवाने के लिए बनाई गई योजना दम तोड़ चुकी है। दरअसल, दो वर्ष पूर्व प्रशासन ने नगर निगम के सहयोग से एक भलाई की दीवार के नाम से नई शुरुआत की, जिसमें आमजन अपने निष्प्रायोज्य कपड़ों को जरूरतमंदों तक पहुंचा सकता था। लेकिन, सरकारी सिस्टम की लापरवाही से यह भलाई की दीवार गंदगी के ढेर में तब्दील होती जा रही है। कपड़े रखने के लिए बेहतर व्यवस्था नहीं होने के कारण कई व्यक्ति कपड़ों को सड़क पर ही फेंककर चले जा रहे हैं।
ढाई वर्ष पूर्व तहसील व नजीबाबाद चौक पर भलाई की दीवार बनाई गई थी। योजना के अनुसार, जिन लोगों के घरों में पुराने कपड़े थे वे उन्हें दीवार पर टांगकर जरूरतमंदों की मदद कर सकते थे। कुछ वर्ष तक व्यवस्थाएं बेहतर तरीके से चलीं। उस दौरान नगर निगम का एक कर्मचारी प्रतिदिन कपड़ों को व्यवस्थित तरीके से भी रखता था। कपड़े खराब न हों, इसके लिए दीवार के समीप एक संदूक भी रखा गया। लेकिन, अब देखरेख के अभाव में भलाई की दीवार गंदगी के रूप में तब्दील हो गई है। कई लोग सड़क पर ही अपने कपड़ों के ढेर को फेंककर चले गए हैं। नतीजा, जरूरतमंदों ने धूल-मिट्टी से खराब हो चुके इन कपड़ों का उपयोग करना भी बंद कर दिया।
सड़क पर उड़ रहे कपड़े
अव्यवस्थित तरीके से रखे कपड़े कई बार सड़क पर उड़ते रहते हैं। जिससे हर समय दुर्घटनाओं का अंदेशा बना रहता है। बरसात के समय यह कपड़े बहते हुए नालियों में फंस जाते हैं, जिससे नाली चोक पड़ी रहती है और जलभराव देखने को मिलता है। वहीं, नजीबाबाद चौराहे व देवी रोड में बनाई गई भलाई की दीवार में तो रेहड़ी-ठेली वालों ने कब्जा कर लिया है।