दुर्गम क्षेत्रों की महिलाओं के सुरक्षित प्रसव हेतु स्वास्थ्य विभाग की सकारात्मक पहल

Spread the love

एनीमिया से पीड़ित गर्भवती महिला का जिला चिकित्सालय में कराया उपचार
जयन्त प्रतिनिधि।
चमोली : मानसून के दौरान चमोली जिले के दुर्गम क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं के लिए जोखिम बढ़ जाता है। इन परिस्थितियों को देखते हुए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से विशेष रणनीति के तहत गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जमीनी स्तर पर काम किया जा रहा है।
जनपद के सभी 9 विकासखंडों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, एएनएम, आशा और सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी घर-घर जाकर गर्भवती महिलाओं का सर्वे कर रहे हैं। इस कार्य के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत सभी संबंधित कर्मियों को विशेष जिम्मेदारी दी गई है। इसका उद्देश्य संभावित प्रसव वाली महिलाओं की समय रहते पहचान कर उन्हें सुरक्षित प्रसव हेतु स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना है। इस अभियान के अंतर्गत पोखरी ब्लॉक की 22 वर्षीय सुनीता देवी, उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिला की समय पर पहचान की गई। महिला को खून की कमी (एनीमिया) होने के कारण गंभीर प्रसव जटिलताओं की आशंका थी। आशा कार्यकर्ता श्रीमती रोशनी देवी और एनम श्रीमती प्रीति पुरोहित ने समय रहते गर्भवती महिला को प्रेरित किया और जिला कार्यक्रम प्रबंधक नरेंद्र सिंह से समन्वय कर महिला को तुरंत जिला चिकित्सालय गोपेश्वर भेजा गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अभिषेक गुप्ता के निर्देशन और अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. वैष्णव कृष्णा की देखरेख में महिला को आयरन सुक्रोज इंजेक्शन के माध्यम से आयरन थेरेपी दी गई। उपचार के बाद ‘खुशियों की सवारी’ वाहन के माध्यम से महिला को सुरक्षित घर पहुंचाया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अभिषेक गुप्ता ने जनपद के सभी आशा, एएनएम और सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे अपने क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं की सतत निगरानी करें और किसी भी आपात स्थिति की सूचना तत्काल उच्च अधिकारियों तक पहुंचाएं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय पर की गई इस कार्रवाई के लिए आशा कार्यकर्ता श्रीमती रोशनी देवी और एएनएम श्रीमती प्रीति पुरोहित सराहना की पात्र हैं। उनकी तत्परता से एक उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिला को समय पर उपचार मिल सका।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *