उत्तराखंड

प्रधानों ने एनएमएमएस प्रणाली के विरोध में सीएम को भेजा ज्ञापन

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अल्मोड़ा। मनरेगा के तहत सरकार के एनएमएमएस के माध्यम से मजदूरों की उपस्थिति के फैसले के विरोध में प्रधान मुखर हो गए है। अब विरोध प्रधानों ने ग्राम प्रधान संगठन हवालबाग के जिला अध्यक्ष धीरेंद्र सिंह गैलाकोटी के नेतृत्व में डीएम के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। जल्द से जल्द फैसला वापस लेने की मांग की।
ज्ञापन में प्रधानों ने कहा कि एक जनवरी से राज्य में मोबाइल मनिटरिंग सिस्टम को अनिवार्य रूप से लागू कर दिया गया है। जिसका प्रधान पूरजोर विरोध करते है। कहा कि विषम भौगोलिक परिस्थिति होने के कारण अधिकांश गांव में नेटवर्क नहीं है, कई किलोमीटर पैदल मार्ग हैं, ऐसे में मोबाइल मनिटरिंग सिस्टम लागू करना संभव नहीं है। इसके अलावा प्रधानों ने कहा कि एमआईएस साइट को दिनों दिन जटिल बनाया जा रहा है, ग्राम प्रधानों एवं संबंधित कर्मचारियों को बिना प्रशिक्षण प्रदान किए बिना ही नए सिस्टम को लागू किया जा रहा है, 20 ही कार्य किए जाने की बाध्यता होने के कारण कार्य नहीं हो पा रहे हैं। जिससे ग्राम पंचायतों में विकास की गति वर्तमान में शून्य हो गई है। वहीं केंद्रीय वित्त से ग्राम पंचायतों को मिलने वाली 15 वित्त की धनराशि अब तक ग्राम पंचायतों को नहीं मिली है, जिससे ग्राम पंचायतों में विकास कार्य पूर्ण रूप से ठप हैं। जबकि ग्राम प्रधानों को कोरोना प्रोत्साहन राशि अब तक नहीं मिल पाई है। प्रधानों ने चेतावनी देते हुए कहा कि उनकी मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई नहीं होने पर आगामी 9 जनवरी को उत्तराखंड के प्रत्येक विकासखंडों में समस्त ग्राम प्रधानों धरना प्रदर्शन करेगें। वहीं मनरेगा कार्य का पूर्ण बहिष्कार की भी चेतावनी ग्राम प्रधानों ने दी। यहां प्रधान गोपाल तिवारी, प्रधान कटारमल बलवीर सिंह, प्रधान बाड़ी किशन सिंह, प्रधान बख देवेंद्र सिंह, नवीन सिंह, ब्लक अध्यक्ष देव सिंह भोजक, प्रधान रैखोली हेम भंडारी आदि मौजूद रहे।

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