परमार्थ निकेतन ने किया हरिद्वार में विशाल भण्डारा आयोजित
ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन द्वारा कुम्भ भूमि, पवित्र क्षेत्र हरिद्वार में विशाल भण्डारा का आयोजन किया गया इस पावन अवसर पर 60 से अधिक महामण्डलेश्वर, आचार्यो, पूज्य संतों व महंतों, सैकड़ों साधु-संतों और परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों ने सहभाग किया, वास्तव में यह एक दिव्य और अनुपम दृश्य था। आज के इस दिव्य अवसर पर राज्यपाल उत्तराखंड, माननीय श्रीमती बेबीरानी मौर्य जी ने भण्डारा में सहभाग कर पूज्य संतों, महंतों, महामण्डलेश्वर और आचार्यो का पूजन और श्रद्धापूर्वक अभिनन्दन किया। आज का विशाल भण्डारा महामण्डलेश्वर स्वामी असंगानन्द जी महाराज के पावन आशीर्वाद से तथा परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के दिशानिर्देशन में आयोजित किया, जिसमें आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी विशोकानन्द जी महाराज ने विशेष रूप से सहभाग किया। इस पावन अवसर पर स्वामी चिन्मयानन्द सरस्वती जी ने पूज्य संतों का पूजन व दक्षिणा देकर अभिनन्दन किया। श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के युवा एवं कर्मठ सचिव महंत श्री रविन्द्र पुरी जी महाराज का विशेष सहयोग और योगदान रहा। श्री जयराम आश्रम के प्रमुख श्री ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी जी, साध्वी भगवती सरस्वती जी और पूज्य संतों की दिव्य उपस्थिति रही। भण्डारा में विशेष सहयोग के लिये स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी फिनोलेक्स ग्रुप और मुकूल माधव फाउंडेशन के श्री प्रकाश छाबड़िया, श्रीमती ऋतु छाबड़िया, बेटी सुश्री गायत्री और अंशिका छाबड़िया को भण्डारे में विशेष सहयोग के लिये धन्यवाद देते हुये कहा कि छाबड़िया परिवार में ऐसा ही सेवा और भक्ति का भाव बढ़ता रहे। सभी के जीवन में राष्ट्र प्रेम की धारा बहती रहे तथा जीवन दिव्यता के पथ पर अग्रसर होता रहे। इस अवसर पर कुम्भ मेला हरिद्वार से स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने जल व पर्यावरण संरक्षण तथा प्लास्टिक मुक्त कुम्भ का संदेश देते हुये कहा कि ‘‘जल सुरक्षा ही जीवन सुरक्षा¡ है और यही वर्तमान समय का मूल मंत्र भी है। उन्होने कहा कि वैश्विक स्तर पर आर्थिक विकास के कारण ग्लोबल वार्मिंग में वृद्धि हो रही है। हाल ही में जारी वल्र्ड बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार जलवायु परिवर्तन से इस सदी के मध्य तक स्वच्छ जल दुर्लभ हो जाएगा, अर्थव्यवस्थाएँ सिकुड़ जाएंगी और भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाएँ पश्चिमी देशों की अपेक्षा अधिक प्रभावित होंगी। भारत में बढ़ती जनसंख्या और शहरों के विस्तार से पानी की मांग में भारी बढ़ोतरी हो रही है जिससे स्वच्छ जल की आपूर्ति कर पाना मुश्किल हो रहा है। स्वामी जी ने कहा कि हम सभी भारतीयों को जल का उपयोग अधिक कुशलता और किफायत के साथ करना होगा ताकिं जल की कमी का सामना न करना पड़े। हमें आज से ही अपने जल संसाधनों के बेहतर प्रबंधन के लिये पहल करनी होगी क्योंकि हमारे विशाल आबादी वाले राष्ट्र के लिये जल की कमी एक समस्या न बन जाये। स्वामी जी ने कहा कि पर्वो, उत्सवों और अन्य सार्वजनिक आयोजनों के अवसर पर जल संसाधनों का बेहतर प्रबंधन हेतु जनसमुदाय को जागरूक करना बहुत जरूरी है नही तो वह दिन दूर नहीं जब जल की बर्बादी के लिये टैक्स अदा करना पड़े। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कुम्भ मेला, हरिद्वार में आने वाले श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि कोविड – 19 महामारी के प्रसार को नियंत्रित करने हेतु कुम्भ मेला, 2021 की गाइडलाइन का पालन कर उत्तराखंड सरकार को सहयोग प्रदान करें। कुंभ मेला पृथ्वी पर सबसे बड़ा और शांतिपूर्ण आयोजन है, इसे कोरोना माहमारी से मुक्त बनाये रखने के लिये फिजिकल डिसटेंसिंग का पालन करें; मास्क लगाये तथा माँ गंगा की पवित्रता को बनाये रखने के लिये प्लास्टिक का उपयोग बिल्कुल न करें। स्वामी जी ने आज के भण्डारा में विशेष सहयोग के लिये छाबड़िया परिवार का विशेष अभिनन्दन किया। इस अवसर पर उत्तराखंड भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष श्री मदन कौशिक जी और शहरी विकास मंत्री श्री बंशीधर भगत जी ने श्रद्धापूर्वक संदेश के माध्यम से पूज्य संतों के श्रीचरणों में प्रणाम निवेदित किया। साध्वी आभा सरस्वती जी और परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों ने पूज्य शंकराचार्य जी द्वारा रचित दिव्य वेद मंत्रों का गायन किया। परमार्थ निकेतन के व्यवस्थापक श्री राम अनन्त तिवारी जी, सुश्री नन्दिनी त्रिपाठी जी, परमार्थ निकेतन और जीवा की पूरी टीम ने अद्भुत सेवा प्रदान की।