प्रतिनिधि व ग्रामीणों की देखरेख में हो पुनर्निर्माण कार्य
अल्मोड़ा। धूराफाट क्षेत्र में लंबे आदोलन के बाद रिची थापल पंपिंग पेयजल योजना के पुनर्निर्माण के लिए बजट स्वीकृत होने के बाद ग्रामीणों ने गुणवत्ता युक्त कार्य के साथ ही ग्रामीणों व पंचायत प्रतिनिधियों को विश्वास में लेकर कार्य कराए जाने की माग उठाई है। संघर्ष समिति के अध्यक्ष ने दो टूक कहा है कि यदि मनमानी की गई तो आदोलन एक बार फिर शुरू कर दिया जाएगा। धूराफाट क्षेत्र के करीब एक दर्जन से अधिक गावों को पेयजल उपलब्ध कराने वाली रिची थापल पंपिंग पेयजल योजना के पुनर्निर्माण के लिए सरकार ने 2.86 करोड़ रुपये स्वीकृत की है। योजना से ताड़ीखेत ब्लाक के चापड़, बयेडी़, मुसोली, हिड़ाम, म्यू, मटेला, दियालेख, समेत करीब एक दर्जन गावों के बीस हजार से ज्यादा उपभोक्ताओं को पेयजल का लाभ मिलता है। लंबे समय से पुनर्निर्माण नहीं होने पर पेयजल व्यवस्था चरमरा जा रही थी। ऐसे में ग्रामीणों ने धूराफाट संघर्ष समिति के बैनर तले लंबा आदोलन चलाया और करीब 2.6 करोड रुपये की स्वीकृति मिली। संघर्ष समिति अध्यक्ष पूरन पाडे ने बिल्लेख में करीब पचास हजार लीटर का टैंक बनाए जाने की माग उठाई है। साथ ही कहा कि ग्रामीणों व पंचायत प्रतिनिधियों की देखरेख में योजना का पुनर्गठन किया जाए ताकि आपूर्ति भविष्य में सुचारु रहे। संघर्ष समिति अध्यक्ष ने योजना से वंचित रहे ग्राम पंचायत मनारी के ईजरुआ गाव के करीब बीस परिवारों को जोड़ने की भी माग उठाई है। दो टूक चेतावनी दी है कि यदि मनमानी की गई तो ग्रामीणों को साथ लेकर एक बार फिर आदोलन शुरू कर दिया जाएगा।