हल्द्वानी। आग की घटनाओं से निपटने में अब पीआरडी (प्रांतीय रक्षक दल) भी अहम भूमिका निभाएगा। हल्द्वानी फायर स्टेशन में पीआरडी के जवानों को फायर फायटर्स का विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि वे आपातकाल में दमकल कर्मियों के साथ मिलकर आग की घटना को काबू में पा सकें। फायर स्टेशन हल्द्वानी में दो दिवसीय प्रशिक्षण में महिला एवं पुरुष पीआरडी जवानों को अग्निशमन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने आग की घटनाओं को काबू करने के तौर तरीके बताए। इस कार्यक्रम में 20 से 25 महिला एवं पुरुष जवानों ने हिस्सा लिया। प्रशिक्षण का उद्देश्य आपातकालीन परिस्थितियों में पूरी दक्षता के साथ घटना की रोकथाम के लिए त्वरित कार्रवाई करना रहा। आग चाहे जंगल में लगी हो या रिहायशी इलाकों में दोनों ही परिस्थितियों में अब पीआरडी जवान दमकल कर्मियों के साथ मिलकर राहत बचाव कार्यों में हाथ बटाएंगे। प्रशिक्षण के दौरान जवानों को आग बुझाने के तकनीकी ज्ञान के साथ-साथ प्राथमिक चिकित्सा, आपातकालीन संचार प्रणाली और संकट प्रबंधन के तरीकों से भी अवगत कराया गया। ताकि मुसीबत के समय हर जवान पूरी तरह तैयार हो और वह कुशलता से अपनी जिम्मेदारी निभा सके। वीआईपी ड्यूटी और यातायात का पहले ही दबाव पीआरडी जवान मानदेय आधारित हैं। उन्हें दिन के हिसाब से महीने का वेतन मिलता है। पीआरडी जवान पर विभागीय दफ्तरों के साथ ही वीआईपी ड्यूटी, यातायात जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी पहले से ही है। अब फायर फायटर्स की अतिरिक्त जिम्मेदारी मिलने के बाद उन पर काम का अधिक दबाव होगा। हालांकि इच्छानुसार जवान यह प्रशिक्षण ले रहे हैं। इस बार अब तक 120 हेक्टेयर जले जंगल आंकड़ों की बात करें तो इस बार जंगलों में आग की घटनाएं कम हुई हैं। इस फायर सीजन अब तक 120 हेक्टेयर के आसपास जंगल जले हैं। जबकि आबादी के बीच घरों या प्रतिष्ठानों में आग की 10 घटनाएं हुईं। हालांकि इन घटनाओं में कोई भी हताहत नहीं हुआ। इधर, दमकल का हाईप्रेशर मिनी वाहन भी बीते दिनों हल्द्वानी से केदारनाथ भेजा गया है।
कोट:
पीआरडी जवानों को आपातकाल की परिस्थतियों के लिए दक्ष किया जा रहा है। ताकि आग की घटना के दौरान दमकल विभाग को आपात मदद मिल सके। दो दिवसीय प्रशिक्षण में कई बिदुंओं पर प्रशिक्षण दिया गया है। – मिंदर पाल सिंह, एफएसओ, हल्द्वानी।