देहरादून। बहुउद्देशीय साधन सहकारी समितियों के चुनाव की प्रक्रिया अधर में लटक गई है। सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी राज्य सहकारिता निर्वाचन प्राधिकरण की ओर से चुनाव कराने की अभी कोई तैयारी नहीं है। इस पर अब प्राधिकरण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर किए जाने की तैयारी की जा रही है। सहकारी समितियों के चुनाव को लेकर पहले हाईकोर्ट ने स्टे दिया। इससे पूरी चुनाव प्रक्रिया रुक गई। हाईकोर्ट के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट की ओर से दिए स्टे को हटा दिया। इसके बाद उम्मीद जताई जा रही थी कि जल्द सहकारिता चुनाव प्रक्रिया शुरू होगी, लेकिन प्राधिकरण फिलहाल किसी जल्दबाजी के मूड में नजर नहीं आ रहा है। प्राधिकरण स्तर से चुनाव प्रक्रिया को लेकर कोई गहमागहमी होती न देख अब आंदोलन के साथ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर करने की तैयारी की जा रही है। जिला सहकारी बैंक टिहरी के पूर्व अध्यक्ष सुभाष रमोला ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के दिए स्टे को खारिज कर दिया है। ऐसे में अब चुनाव का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया है। प्राधिकरण स्तर से इसके बाद भी चुनाव कराने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई जा रही है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट में प्राधिकरण के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की जाएगी। प्राधिकरण अध्यक्ष हंसादत्त पांडेय ने बताया कि न्याय विभाग की ओर से इस सम्बन्ध में अभी कोई स्पष्ट आदेश नहीं मिला है। जब तक स्थिति पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो जाती, चुनाव कराने मुमकिन नहीं हैं।