-सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों से जवाब मांगा
-कोर्ट सुप्रीम द्वारा देश के सभी 29 राज्यों, आरबीआई, गूगल, ऐप्पल, ड्रीम 11, एमपीएल, ए 23 गेम्स, ईडी और ट्राई सहित 216 सितारों को नोटिस जारी – जवाब देने का आदेश, अंतिम सुनवाई 18 अगस्त को जारी की गई
-डॉ. के.ए. पॉल ने कहा — युवाओं पर संकट बन चुके हैं सट्टा ऐप्स, इसे राष्ट्रीय आपदा मानकर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए
नई दिल्ली, । प्रजा शांति पार्टी के अध्यक्ष और ग्लोबल पीस इनिशिएटिव के संस्थापक डॉ. के.ए. पॉल ने आज सर्वोच्च न्यायालय में स्वयं पार्टी-इन-पर्सन के रूप में पेश होकर देशभर में चल रहे अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स और इन्हें प्रमोट करने वाले 1100 से अधिक सेलिब्रिटीज़ के खिलाफ त्वरित हस्तक्षेप की मांग की है। सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को नोटिस जारी किया है और निर्देश दिया है कि वे दो सप्ताह के भीतर अपने जवाब दाखिल करें। मामला अब प्राथमिकता पर सुना जाएगा। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्य बागची की पीठ के समक्ष डॉ. पॉल ने बताया है कि कैसे ये अवैध सट्टा ऐप्स 30 करोड़ से अधिक भारतीय युवाओं को गुमराह कर रहे हैं, जिससे आर्थिक तबाही और आत्महत्याएं हो रही हैं। उन्होंने कहा है, क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर सहित 1000 से अधिक राष्ट्रीय सेलिब्रिटी इन ऐप्स का प्रचार कर रहे हैं और प्रत्येक प्रचार के लिए 1 करोड़ से 10 करोड़ रुपये तक ले रहे हैं। डॉ. पॉल ने यह भी साझा किया है कि वे आज सुबह ही यमन क्षेत्र से लौटे हैं, जहां उन्होंने भारतीय नर्स निमीषा प्रिया की फांसी को रुकवाने में सफलता पाई है। उन्होंने कहा है, वह लड़ाई एक जान बचाने की थी; लेकिन भारत में यह लड़ाई करोड़ों की जान बचा सकती है।उन्होंने यह भी बताया है कि केवल चार राज्यों ने अब तक कार्रवाई की है, जबकि प्रतिबंधित ऐप्स अभी भी वीपीएन के ज़रिए आसानी से उपलब्ध हैं और नए-नए प्लेटफॉर्म लगातार सामने आ रहे हैं। महादेव भले ही बैन हो गया हो, लेकिन हर हफ्ते एक नया ऐप सामने आ जाता है। सट्टा माफिया अरबों रुपये कमा रहा है जबकि कानून प्रवर्तन एजेंसियों की रफ्तार धीमी है, पॉल ने कहा है। हालांकि कोर्ट ने फिलहाल सेलिब्रिटी प्रचार और मीडिया विज्ञापनों पर रोक लगाने के अंतरिम आदेश जारी करने से इनकार किया है, लेकिन यह स्पष्ट किया है कि मामला प्राथमिकता से सुना जाएगा। न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा है, पहले सभी पक्ष जवाब दाखिल करें, फिर हम राज्यों से स्टैंडिंग काउंसल के ज़रिए पेश होने को कहेंगे ताकि समय की बचत हो सके। डॉ. पॉल ने कोर्ट का आभार जताया है और मीडिया व आम जनता से अपील की है कि वे देश के युवाओं को सट्टेबाजी के इस गहराते संकट से बचाने के लिए इस संघर्ष में उनका साथ दें। अब यह मामला 18 अगस्त को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
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