नई दिल्ली।डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ अमेरिका में आवाज तेज होती जा रही है। देश में उनके खिलाफ प्रदर्शन की तैयारियां चल रही हैं। इन विरोध प्रदर्शनों को ह्यनो किंग्स नाम दिया गया है। वहीं, राष्ट्रपति ट्रंप की रिपब्लिकल पार्टी इन रैलियों को ह्यहेट अमेरिका रैली कह रही है। ट्रंप के अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद उनके खिलाफ यह तीसरा सामूहिक प्रदर्शन है। अनुमान है कि यह ट्रंप के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा प्रदर्शन होगा।
तानाशाही की आशंका
यह सब ऐसे वक्त में हो रहा है जब सरकारी स्तर पर तमाम सेवाओं को बंद कर दिया गया है। इसके तहत फेडरल प्रोग्राम्स और सर्विसेज को बंद कर दिया गया है। इसके अलावा अमेरिका में कांग्रेस और अदालतों के बीच टकराव भी बढ़ा है। विरोध प्रदर्शन बुलाने वालों का कहना है कि यह सारी बातें अमेरिका के तानाशाही के ओर बढ़ने की चेतावनी हैं। डोनाल्ड ट्रंप फिलहाल वॉशिंगटन से दूर, फ्लोरिडा में अपने घर पर हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने फॉक्स न्यूज पर प्रसारित एक इंटरव्यू में कहा कि वह लोग मुझे राजा कह रहे हैं। मैं कोई राजा नहीं हूं।
इस साल का तीसरा विरोध प्रदर्शन
इस साल की शुरुआत में हुए विरोध प्रदर्शनों में एलन मस्क द्वारा कटौती के प्रस्तावों का विरोध हुआ था। इसके अलावा जून में ट्रंप की मिलिट्री परेड का भी जमकर विरोध किया गया था। वहीं, इस बार रैली के आयोजकों का कहना है कि अब विपक्ष ज्यादा एकजुट है। सीनेट नेता चक शूमर जैसे शीर्ष डेमोक्रेट और इंडिपेंडेंट सीनेटर बर्नी सैंडर्स इसमें शामिल हो रहे हैं। इसे ट्रंप के खिलाफ बेहद अहम माना जा रहा है।