उत्तराखंड

भू-धसाव प्रभावित ज्योतिर्मठ में सुरक्षात्मक कार्यों की डीपीआर की दी प्रस्तुति

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-नगर की सुरक्षा के लिए सीवरेज, ड्रेनेज, स्लोप स्टेबलाइजेशन और नदी किनारे टो-प्रोटेक्शन वॉल के बडे प्रोजेक्ट पर शीघ्र शुरू होगा काम
चमोली : ऐतिहासिक एवं धार्मिक शहर ज्योतिर्मठ की सुरक्षा को लेकर सरकार गंभीरता से काम कर रही है। भूधंसाव से प्रभावित ज्योतिर्मठ शहर में सुरक्षात्मक कार्यों के लिए डीपीआर तैयार करने का काम लगभग पूरा हो गया है। आईआईटी रुड़की से डीपीआर का परीक्षण पूरा करने पर जल्द इस पर काम शुरू किया जाएगा। जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने गुरुवार को ज्योतिर्मठ में स्थानीय लोगों को प्रस्तावित कार्यों की जानकारी देते हुए यह बात कही।
ज्योतिर्मठ में प्रस्तावित सुरक्षात्मक कार्याे को लेकर गुरुवार को जिलाधिकारी की अध्यक्षता में नगर पालिका सभागार में स्थानीय लोगों के साथ बैठक हुई। जिसमें कार्यदायी संस्थाओं ने शहर में सुरक्षात्मक कार्यों के लिए तैयार की गई डीपीआर का प्रस्तुतिकरण दिया। बताया कि ज्योतिर्मठ में सीवरेज, ड्रेनेज, स्लोप स्टेबलाइजेशन और नदी किनारे टो-प्रोटेक्शन वॉल निर्माण के कार्य किए जाने है। पेयजल निगम ने सीवरेज और ड्रेनेज कार्यों का प्रजेंटेशन देते हुए बताया कि ज्योतिर्मठ में 2.95 एमएलडी क्षमता का नया एसटीपी बनाने के साथ ही सभी घरों को सीवर लाईन से जोड़ा जाएगा। औली से मारवाड़ी तक बहने वाले सात प्रमुख नालों सहित इसके सहयोगी छोटे बडे सभी नालों का ट्रीटमेंट किया जाएगा। लोक निर्माण विभाग द्वार पूरे ज्योतिर्मठ क्षेत्र में 12 स्थानों पर स्लोप स्टेबलाइजेशन और नगर क्षेत्र में सभी सड़कों का ट्रीटमेंट किया जाएगा। सिंचाई विभाग द्वारा अलकनंदा नदी किनारे टो-प्रोटेक्शन वॉल के निर्माण हेतु डीपीआर तैयार की गई है। शीघ्र ही इन सभी प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया जाएगा। जिलाधिकारी ने कहा कि प्रस्तावित कार्यों की मॉनिटरिंग के लिए ज्योतिर्मठ में समिति गठित की जाएगी। समिति में ज्योतिर्मठ के प्रत्येक वार्ड से किसी एक व्यक्ति को सदस्य के तौर पर रखा जाएगा। प्रस्तावित कार्यों के लिए निजी भूमि की आवश्यकता पडने पर एक निर्धारित एसओपी के तहत मुआवजा वितरण के साथ सरकार द्वारा भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। जिलाधिकारी ने सिंचाई विभाग को धौलीगंगा पर विष्णुप्रयाग से ऐरा पुल तक नदी किनारे सुरक्षात्मक कार्य की भी डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि शीतकाल को देखते हुए ग्रीन एवं यलो जोन में स्थित भवनों की मरम्मत और सुरक्षित स्थानों पर निर्माण कार्यों के लिए जल्द अनुमति दी जाएगी। जिलाधिकारी ने कहा कि ज्योर्तिमठ में पुनर्वास कार्यालय स्थापित करते हुए कार्मिकों की तैनाती कर ली गई है। स्थानीय लोगों की छोटी बडी समस्याओं का भी प्राथमिकता पर निस्तारण करने का प्रयास रहेगा। जिलाधिकारी ने स्थानीय लोगों से नगर क्षेत्र में प्रस्तावित सुरक्षात्मक कार्यों में सहयोग करने की बात कही। कहा कि सबके सुझाव और सहयोग से सुरक्षात्मक कार्यो को शीघ्र पूरा कराया जाएगा। बैठक में ज्योतिर्मठ मूल निवास स्वाभिमान संगठन के अध्यक्ष भूवन चंद्र उनियाल, सचिव समीर डिमरी, ज्योतिर्मठ बचाओ संघर्ष समिति के पदाधिकारी अतुल सती, कमल रतूड़ी, स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य नागरिक सहित उप जिलाधिकारी चन्द्र शेखर वशिष्ठ, लोनिवि के अधिशासी अभियंता राजवीर सिंह चौहान, अधिशासी अभियंता अरुण प्रताप सिंह, आपदा प्रबंधन अधिकारी एनके जोशी एवं संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे। (एजेंसी)

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