बच्चों व महिलाओं की प्रस्तुतियों ने मोहा दर्शकों का मन
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : नव संवत्सर अभिनंदन समारोह समिति की ओर से नव संवत्सर महोत्सव धूमधाम के साथ मनाया गया। इस दौरान कीर्तन मंडली व स्कूली बच्चों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
प्रेक्षागृह में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ पर्यावरणविद्द सच्चिदानंद भारती ने दीप प्रज्जवलित कर किया। उन्होंने कहा कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा का भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व है। यह सृष्टि का प्रथम दिवस है। हमारे इतिहास में अनेक शुभ कार्यों की शुरुआत इस दिन से हुई है। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से विक्रम संवत 2081 शुरू हो गया है। कहा कि भारतीय सभ्यता व संस्कृति के मूल तत्वों को आत्मसात कर समाज में जन चेतना पैदा करना आज समय की सबसे बड़ी जरूरत है। उन्होंने कोटद्वार में आयोजित नववर्ष उत्सव को पूरे देश में अभिनव पहल बताते हुए कहा कि इससे प्रेरणा लेकर अब अन्य स्थानों पर भी इस तरह के कार्यक्रम आयोजित होने लगे हैं। इस अवसर पर नगर के विभिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने भारतीय संस्कृति के विविध रूपों को दर्शाते हुए भव्य एवं मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। शास्त्रीय नृत्य के साथ ही गरबा, झूमर, थड़िया, चौंफला, बाजूबंद गीत-नृत्य की प्रस्तुति ने दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। क्रेडिल प्ले स्कूल की प्रस्तुति ‘ मेरे प्रभु राम आए हैं’ विशेष रूप से सराही गई। इस दौरान महिला कीर्तन मंडलियों की ओर से भी भावपूर्ण कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। इस मौके पर समिति के अध्यक्ष जीत सिंह पटवाल, चंद्रप्रकाश नैथानी, महानंद ध्यानी, डा. पदमेश बुड़ाकोटी, सत्यप्रकाश थपलियाल, शैलेंद्र रावत, पीएल खंतवाल, जनार्दन बुड़ाकोटी, योगंबर सिंह रावत, सुमन कोटनाला, रेणुका गुसाईं, गायत्री भट्ट, मंजू जखमोला, नीरुबाला, गोपाल जखमोला, केपी नैथानी, विकास देवरानी, पंकज ध्यानी, शशिभूषण अमोली, धर्मेंद्र रावत, गोपाल रावत, महेंद्र अग्रवाल आदि मौजूद रहे।