सप्ताह में एक बार उपवास जरूर रखें: डॉ. रविंद्र नेगी
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। भारत स्वाभिमान से जुड़े योगाचार्य डॉ. रविंद्र नेगी ने लोगों को सप्ताह में एक बार उपवास रखने की सलाह दी है। उपवास रखने के बहुत फायदे है। बढ़ती उम्र में अगर आप स्वस्थ रहना चाहते हैं तो उपवास रखना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। तमाम त्योहार जैसे नवरात्र, तीज, करवा चौथ आदि के मौके पर अधिकतर लोग व्रत रखते हैं। जहां आप भगवान के प्रति पूरी श्रद्धा दिखाते हैं। जिससे शरीर में पॉजिटिव एनर्जी आती है। इसके साथ ही कई तरह की बीमारी कोसों दूर रहती हैं। उन्होंने कहा कि व्रत रखने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। जिससे आप कई संक्रामक बीमारियों से कोसों दूर रहते हैं। पेट में आराम मिलता है। इसके साथ ही आपका पाचन तंत्र सही ढंग से काम करता है। इसलिए सभी लोगों को सप्ताह में एक बार उपवास जरूर रखना चाहिए।
योगाचार्य डॉ. रविंद्र नेगी ने बताया कि उपवास चिकित्सा के अंतर्गत शरीर मे जो गंदगी, टॉक्सिन, होते है वो सब मल मूत्र और पसीने में बाहर निकल जाते है, शरीर स्वस्थ और हल्का सा अनुभव होता है, फेटी लिवर, कोलोस्ट्रोल, ट्राइग्लिसराइड्स, फीवर, मोटापा, गेस्ट्राइटिस आदि बहुत से बड़े रोग सहज ही दूर हो जाते है। लो बीपी और शुगर के मरीजों को उपवास चिकित्सा में कुछ ना कुछ फल वगैरह लेते रहना चाहिए, किडनी के रोगियों को पानी पीते रहना चाहिए। उपवास चिकित्सा से शरीर की शुद्धि के साथ-साथ मन की शुद्धि भी हो जाती है। नई ऊर्जा का संचार शरीर में महसूस होता है, अत: सभी स्वस्थ लोगों को उपवास जरूर रखना चाहिए। उपवास सप्ताह में एक दिन या महीने में दो से तीन बार रखा जा सकता है। इससे शरीर के त्रिदोषों कफ, पित, वायु का नाश होता है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार हम नहाने से शरीर को बाहर से साफ करते है उसी प्रकार हम उपवास करने से शरीर को अंदर से साफ करते है।
धार्मिक रूप से किसी भी व्रत को विशेष महत्व दिया गया है। माना जाता है कि व्रत रखने से व्यक्ति की प्रवत्ति सात्विक होती है, उसके मन-मस्तिष्क को शांति मिलती है, लेकिन आयुर्वेद में व्रत के वैज्ञानिक महत्व के बारे में भी बताया गया है। वैज्ञानिक रूप से देखा जाए तो व्रत अगर सही तरीके से रहा जाए तो ये हमारे शरीर को संतुलित करने का काम करता है। जिसकी वजह से हमारी सेहत को कई तरह के फायदे होते हैं और हमारा शरीर कई तरह के रोगों से बचा रहता है। इसलिए ज्यादातर जानकार हर व्यक्ति को हफ्ते में एक दिन का व्रत रखने की सलाह देते हैं।
शरीर के विषैले तत्व बाहर निकलते हैं
योगाचार्य डॉ. रविंद्र नेगी ने बताया कि आजकल की लाइफस्टाइल ने हमारे खानपान को भी प्रभावित किया है। हम में से ज्यादातर लोग अक्सर बाहरी खानपान या चिकनाईयुक्त भोजन दिनभर में खाते हैं, लेकिन उसे पचाने के लिए कोई श्रम नहीं करते। ऐसे में शरीर में फैट और विषैले तत्व जमा हो जाते हैं, इन्हें शरीर से निकालना बहुत जरूरी है। हफ्ते में एक दिन का व्रत आपके शरीर को डिटॉक्सीफाई करने का काम करता है। शरीर के विषैले तत्व बाहर निकलने से स्किन की भी तमाम समस्याओं से राहत मिलती है।
कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मिलती है मदद
व्रत करने से अच्छा कोलेस्ट्रॉल यानी एचडीएल बढ़ता है और खराब कोलेस्ट्रॉल यानी एलडीएल को कम करने में मदद मिलती है. यदि सप्ताह में एक दिन के व्रत के साथ रोजाना एक्सरसाइज की आदत डाल ली जाए तो इस कोलेस्ट्रॉल को बहुत तेजी से कम किया जा सकता है। कोलेस्ट्रॉल कम होने से बीपी और हार्ट संबन्धी समस्याओं से राहत मिलती है। व्रत करने वाला शख्स मन में किसी के प्रति बुरे विचार नहीं आने देता। वो पूरे दिन को ईश्वर को समर्पित करता है। ऐसे में उसे तनाव, चिंता और अनिद्रा जैसी परेशानियों से मुक्ति मिलती है और उसका दिमाग शांत होता है।