गुवाहाटी, असम, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को गुवाहाटी में एडवांटेज असम 2.0 शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया. इस बुनियादी ढांचे और निवेश शिखर सम्मेलन का उद्देश्य राज्य की क्षमता को प्रदर्शित करना और दुनिया भर से निवेश आकर्षित करना है. इस कार्यक्रम में विदेश मंत्री एस जयशंकर और 60 से अधिक देशों के राजदूतों और मिशन प्रमुखों सहित गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया.
जनसभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत का पूर्वी भाग, विशेष रूप से पूर्वोत्तर, समृद्धि की ओर एक नई यात्रा शुरू करने के लिए तैयार है. उन्होंने जोर देकर कहा कि एडवांटेज असम की क्षमता और प्रगति को बाकी दुनिया से जोडऩे की एक महत्वपूर्ण पहल है.
प्रधानमंत्री ने कहा, इतिहास गवाह है कि अतीत में भारत की समृद्धि में पूर्वी भारत ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. आज, जब भारत विकास की ओर बढ़ रहा है, तो हमारा पूर्वोत्तर एक बार फिर अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करेगा. स्थानीय आपूर्ति श्रृंखलाओं और वैश्विक संपर्क को मजबूत करना. प्रधानमंत्री मोदी ने स्थानीय आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करने और दुनिया भर के विभिन्न क्षेत्रों के साथ मुक्त व्यापार समझौते करने की भारत की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला. उन्होंने पूर्वी एशिया के साथ संपर्क को मजबूत करने और नव स्थापित भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे की आशाजनक संभावनाओं पर जोर दिया.
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने पिछली यूपीए सरकार की आलोचना करने का भी अवसर लिया. उन्होंने बताया कि असम को 2009 और 2014 के बीच रेलवे बजट के लिए औसतन 2,100 करोड़ रुपये मिले. उन्होंने इसकी तुलना अपनी सरकार के प्रयासों से की, जिसमें असम के लिए रेलवे बजट को चार गुना बढ़ाकर 10,000 करोड़ रुपये कर दिया गया.
एडवांटेज असम 2.0 शिखर सम्मेलन के पहले दिन भारत के प्रमुख औद्योगिक घरानों से 1.87 लाख करोड़ रुपये का बड़ा निवेश आया, जिसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल), अडानी समूह और टाटा समूह, वेदांता ऑयल एंड गैस लिमिटेड आदि शामिल हैं.
शिखर सम्मेलन की गति को बढ़ाते हुए, अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी ने असम में 50,000 करोड़ रुपये के महत्वपूर्ण निवेश की घोषणा की. कार्यक्रम में बोलते हुए, अडानी ने पीएम मोदी के विजन को श्रेय दिया, जिसकी शुरुआत उन्होंने कहा कि गुजरात में 2003 में वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट के साथ हुई थी. उन्होंने कहा कि जिस उत्साह के साथ इसकी शुरुआत हुई, उसने देश के सभी राज्यों को प्रेरित किया. अडानी समूह का निवेश हवाई अड्डों, एयरोसिटी, सिटी गैस वितरण और सडक़ परियोजनाओं पर केंद्रित होगा। इस बड़े निवेश से राज्य में हजारों रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है.
इसी तरह, टाटा संस के चेयरमैन नटराजन चंद्रशेखरन ने कहा कि कंपनी अगले कुछ सालों में असम में 27,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी.
इस अवसर पर बोलते हुए रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा, 2018 में पिछले शिखर सम्मेलन में, रिलायंस ने असम में 5,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई थी. तब से, राज्य में हमारा निवेश 12,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है. आने वाले वर्षों में, रिलायंस असम में इस निवेश को चौगुना से अधिक बढ़ाकर अगले पांच वर्षों में 50,000 करोड़ रुपये से अधिक कर देगा.