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प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय लजिस्टिक नीति की शुरुआत की, बोले- परिवहन क्षेत्र की चुनौतियों का होगा समाधान

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नई दिल्ली, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेन्घ्द्र मोदी ने शनिवार को राष्ट्रीय लजिस्टिक नीति की शुरुआत की। केंद्र ने इस पर अमल करके लाजिस्टिक लागत को 13 फीसद से कम करके आठ प्रतिशत तक लाने का लक्ष्य रखा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत दुनिया में मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में उभर रहा है। दुनिया ने भारत को मैन्युफैक्चरिंग में लीडर के रूप में स्वीकार किया है। नई लजिस्टिक नीति ने विनिर्माण क्षेत्र की मदद की है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश के बंदरगाहों की क्षमता में वृद्घि हुई है। कंटेनर पोतों के टर्नअराउंड समय को पहले के 44 घंटे से घटाकर 26 घंटे कर दिया गया है। लजिस्टिक कनेक्टिविटी को सुधारने और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए केंद्र सरकार ने सागरमाला और भारतमाला जैसी योजनाएं शुरू की। बंदरगाहों और माल गलियारों को जोड़ने के लिए सागरमाला परियोजना के तहत डेडिकेटेड फ्रेट करिडोर के काम में अभूतपूर्व तेजी आई है। नई राष्ट्रीय लजिस्टिक नीति सभी सेक्टर्स के लिए नई ऊर्जा लेकर आई है।
पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार ने तकनीक की मदद से भी लाजिस्घ्टिघ्क सेक्घ्टर को मजबूत करने का प्रयास किया है। राष्घ्ट्रीय लजिस्टिक्स नीति को सबसे ज्घ्यादा समर्थन प्रधानमंत्री गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान से मिलने वाला है। मुझे खुशी है कि मौजूदा वक्घ्त में देश के सभी राज्य और केंद्र शासित इकाइयां इससे जुड़ चुके हैं। लगभग सभी विभाग एक साथ काम करना शुरू कर चुके हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि नई लाजिस्टिक नीति के साथ ही देश ने विकसित भारत के निर्माण की दिशा में कदम बढ़ाया है। देश में लास्ट माइल डिलीवरी में तेजी आए, परिवहन से जुड़ी चुनौतियां समाप्त हों, निर्माताओं और उद्योगों का समय और पैसा बचे इसका समाधान खोजने के लिए राष्ट्रीय लाजिस्टिक नीति लाई गई है। केंद्र सरकार बीते तीन वर्षों से राष्ट्रीय रसद नीति पर काम कर रही है। राष्घ्ट्रीय लाजिस्टिक नीति सभी रसद और व्यापार सुविधा मामलों के लिए एक समाधान केंद्र बनाने का प्रविधान करती है।

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