देहरादून। शिक्षकों के भारी दबाव की वजह से सरकार ने प्रधानाचार्य की भर्ती को स्थगित तो कर दिया है, लेकिन शिक्षक फिलहाल इससे संतुष्ट नहीं है। राजकीय शिक्षक संघ का कहना है कि प्रधानाचार्य के पद शतप्रतिशत प्रमोशन के पद है। इसमें विभागीय सीधी भर्ती कराना बिलकुल गलत है। इस मुद़दे पर दो सितंबर से जारी आंदोलन के भविष्य को लेकर संघ की बुधवार दोपहर होने वाली प्रांतीय कार्यकारिणी में अंतिम निर्णय किया जाएगा। संघ के अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने कहा कि सरकार को चाहिए कि भर्ती को स्थगित करने के बजाए उसे तत्काल निरस्त करे। प्रधानाध्यापक व प्रधानाचार्य के रिक्त पदों को भरने के लिए प्रमोशन की कार्यवाही शुरू की जाए। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मंगलवार सुबह 10 बजे ही शिक्षक ननूरखेड़ा स्थित शिक्षा निदेशालय परिसर में प्रदर्शन करते हुए क्रमिक अनशन पर बैठ गए थे। दोपहर भर्ती को स्थगित करने की सूचना लेकर अपर निदेशक-माध्यमिक डॉ. मुकुल कुमार सती धरना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि सरकार ने स्थगित करने जा रही है। भर्ती प्रक्रिया में प्रवक्ता और एलटी कैडर के शिक्षकों को समान रूप से अवसर देने के लिए वर्तमान नियमावली को संशोधित करने का निर्णय किया गया है। लिहाजा शिक्षक आंदोलन वापस लेकर अपने स्कूलों में शिक्षा को सुचारु बनाने में सहयोग करें।