-कहा-मुद्दों पर बोलना और उन्हें उठाना नाटक नहीं
नईदिल्ली,। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष से संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान ड्रामा करने की जगह डिलीवरी यानी कार्यान्वयन पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि संसद को नाटकीयता के बजाय गंभीर नीतिगत चर्चाओं का मंच होना चाहिए। प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी सत्र से पहले मीडिया को संबोधित करते हुए आई। उनके इस बयान पर कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने पलटवार करते हुए तीखा बयान दिया है। आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा।
प्रधानमंत्री मोदी ने सदन की कार्यवाही बाधित करने की विपक्ष की पिछली रणनीतियों की भी आलोचना की। उन्होंने कहा, पिछले 10 सालों से विपक्ष जो खेल खेल रहा है, वह अब लोगों को स्वीकार्य नहीं है। उन्हें अपनी रणनीति बदलनी चाहिए। उन्होंने कहा, भारत की आर्थिक प्रगति देश को विकसित भारत की तरफ ले जा रही है। यहां ड्रामा नहीं, डिलिवरी हो, नारे नहीं, नीति पर बात हो। हालांकि, कुछ पार्टियां अपनी हार पचा नहीं पाती हैं।
कांग्रेस सांसद प्रियंका ने प्रधानमंत्री मोदी की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए कहा है कि वायु प्रदूषण और मतदाता सूची संशोधन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाना कोई नाटक नहीं है। उन्होंने कहा, संसद किस लिए है? यह नाटक नहीं है। मुद्दों पर बोलना और उन्हें उठाना नाटक नहीं है। उन्होंने आगे कहा, यह लोकतांत्रिक चर्चा का एक अनिवार्य हिस्सा है। नाटक तो वह है, जिसमें जनता से जुड़े मुद्दों पर लोकतांत्रिक चर्चा की अनुमति नहीं दी जाती है।
इस वर्ष शीतकालीन सत्र सामान्य से छोटा है, जिसमें सामान्य 20 की बजाय केवल 15 बैठकें प्रस्तावित हैं, जो हाल के दिनों में सबसे छोटे सत्रों में से एक है। विपक्ष ने इस कटौती पर चिंता जताई है और सरकार पर बहसों को सीमित करने और संसदीय चर्चाओं को कमजोर करने का आरोप लगाया है। उन्होंने दिल्ली विस्फोट के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा और बूथ लेवल अधिकारियों द्वारा आत्महत्याओं सहित कई मुद्दों पर चर्चा की मांग की है।
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