विद्यार्थी रचनात्मक सोच को बढ़ावा दें

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श्रीनगर गढ़वाल : हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग और इंस्टीट्यूट इनोवेशन काउंसिल के संयुक्त तत्वावधान में बौद्धिक संपदा अधिकार पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। जिसमें वक्ताओं ने नवाचार और बौद्धिक संपदा अधिकार के महत्व को रेखांकित कर आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए शिक्षा विभाग की संकायाध्यक्ष प्रो. रमा मैखुरी ने कहा कि आज के ज्ञान युग में बौद्धिक संपदा अधिकार को समझना और उसे व्यावहारिक रूप से लागू करना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की है कि वे अपनी रचनात्मक सोच को बढ़ावा दें, जिससे देश और समाज की प्रगति में योगदान दिया जा सके। शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. अनिल कुमार नौटियाल ने इस मौके पर बौद्धिक संपदा अधिकार के कानूनी पहलुओं पर प्रकाश डाला और कहा कि इस क्षेत्र में जागरूकता बेहद जरूरी है। कहा कि नवाचारों के माध्यम से सभी को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए। डा. रामकुमार साहू, आईआईसी के अध्यक्ष ने पेटेंट प्रक्रिया के बारे में शिक्षकों और विद्यार्थियों को जानकारी दी और कहा कि यह मानव क्षमता निर्माण में सहायक साबित हो सकती है। इस मौके पर डा. अमर जीत सिंह, डा. विपिन कुमार शर्मा, मोहम्मद अतिकुल्ल ने छात्रों को नवाचार के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम का संचालन शिवानी नेगी ने किया। मौके पर डा. विवेक शर्मा, डा. रमेश राणा, डा. देवेंद्र सिंह, डा. सिद्धार्थ लोहानी, डा. शंकर सिंह, प्रो. अजय नामदेव, डा. भास्कर आदि मौजूद रहे। (एजेंसी)

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