आरक्षण के वर्गीकरण के विरोध में किया प्रदर्शन
शैलशिल्पी विकास संगठन की ओर से निकाली गई आक्रोश रैली
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : आरक्षण के वर्गीकरण के आदेश के विरोध में बुधवार को शैलशिल्पी विकास संगठन की ओर से आक्रोश रैली निकाली गई। सदस्यों ने आरक्षण के वर्गीकरण को असंवैधानिक बताते हुए निर्णयको संसद के माध्यम से वापस लेने की मांग उठाई। कहा कि इस तरह के निर्णयों से आरक्षण को खत्म करने की साजिश रची जा रही है।
बुधवार को भारत बंद का समर्थन करते हुए संगठन के प्रदेश अध्यक्ष विकास कुमार आर्य के नेतृत्व में सदस्यों ने बुद्धापार्क से आक्रोश रैली निकाली। रैली के उपरांत तहसील में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि आरक्षण में वर्गीकरण करने का सुप्रीम कोर्ट का निर्णय असंवैधानिक है। इस निर्णय से अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के लोगों में भी टकराव की स्थित पैदा होगी। आरक्षण में वर्गीकरण लागू होने से इन जातियों की एकता भी प्रभावित होगी। कहा कि सुप्रीम कोर्ट को लगता है कि अनूसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति की कुछ जातियां आरक्षण का लाभ नहीं ले पा रही हैं तो सुप्रीम कोर्ट को केंद्र व राज्य सरकारों को फटकार लगानी चाहिए। सरकारों को शिक्षा, रोजगार व आवास की समुचित व्यवस्था के लिए योजना बनानी चाहिए, ताकि कमजोर व वंचित तबका मुख्य धारा से जुड़ सके। इस मौके पर मुख्य प्रशासनिक अधिकारी उमेश चंद्र पांथरी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित कर केंद्र सरकार से संसद के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट के आदेश को रद्द करवाने की मांग की है। इस मौके पर शूरबीर खेतवाल, मनवर लाल भारती, राजेंद्र नेगी, केसीराम निराला, नरेश कुमार सिंह, जयदेव, मीना बछुवाण, विनीता भारती, भरत लाल, राम अवतार मौजूद रहे।