हल्द्वानी()। कॉर्बेट और राजाजी नेशनल पार्क में हाथी सफारी का विरोध होने लगा है। हाथी का मुखौटा पहन कर दिल्ली के जंतर-मंतर में विरोध कर रहे पशुप्रेमी संगठन से जुड़े लोगों ने सफारी को लेकर हाथियों के साथ बर्बता व मानसिक शोषण करने का आरोप लगाया है। राजाजी नेशनल पार्क में हाथी सफारी शुरू हो गई है। कॉर्बेट में हाथी सफारी की तैयारियां चल रही हैं। ढिकाला में दो हाथियों और बिजरानी जोन में एक हाथी से सफारी कराई जाएगी। इसके लिए हाथियों को भी चिह्नित कर लिया गया है। कॉर्बेट के अधिकारियों ने हाथी सफारी के लिए प्रत्येक विदेशियों को तीन हजार और भारतीय को एक हजार रूपए देने का शुल्क तय किया है। पार्क अधिकारियों की माने तो दिसंबर में ही हाथी सफारी शुरू हो जाएगी। वहीं दिल्ली के जंतर मंतर में जानवरों के संरक्षण से जुड़े पेटा संगठन के लोगों ने हाथी का मुखौटा पहकर इसका विरोध किया है। उन्होंने हाथी सफारी को गलत बताया है। पेटा संगठन के उत्कर्ष ने कहा कि हाथियों से जंगल सफारी का काम करना बिल्कुल भी ठीक नहीं है। राजाजी व कॉर्बेट में हाथी सफारी लीगल की गई है। इससे हाथी प्रताड़ित होते है। ये स्थितियां हाथियों के लिए ठीक नहीं है। इंसानों के मनोरंजन का यह तरीका ठीक नहीं है। कॉर्बेट के निदेशक डॉ. साकेत बडोला ने बताया कि पार्क में हाथी सफारी की तैयारियां की जा रही है। जल्द ही इसे शुरू करा दिया जाएगा। वहीं बिजरानी रेंजर नवीन चंद्र पांडे ने बताया कि पर्यटक कॉर्बेट में जंगल सफारी के बाद उत्साहित होकर लौट रहे हैं।