सरकार के खिलाफ किया धरना प्रदर्शन शुरू

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अल्मोड़ा। फाइन आर्ट्स के विधार्थीयों के द्वारा आज फाइन आर्ट्स डिपार्टमेंट सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय में तालाबंदी करके सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन शुरू किया गया है। स्ज ।तज की भर्ती की परीक्षा 8 अगस्त 2021 को हो गयी थी उसके बाद यह मामला लम्बे अंतराल से हाइकोर्ट नैनीताल में चल रहा हैं। जिसमें आज दो तीन वर्षों के लम्बे अंतराल के बाद माननीय न्यायधीश द्वारा इस भर्ती परीक्षा को निरस्त करने का फैसला कहाँ तक उचित है? इन छात्रों के साथ हो रहे अन्याय का जिम्मेदार कौन है? माननीय सरकार द्वारा 2021 में सज भर्ती परीक्षा कराने के लिए विज्ञप्ति जारी करी गयी। जिसमें सभी योग्य छात्रों द्वारा आवेदन कर दिन रात मेहनत के साथ परीक्षा दी। जिसका परिणाम आज यह आया की परीक्षा को रद्द किया जा रहा है।मैं माननीय न्यायालय और वर्तमान सरकार से पूछना चाहता हूँ कि आपके द्वारा यह किस प्रकार का न्याय किया जा रहा है। आपके इस फैसले से छात्रों का मानसिक उत्पीड़न कर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, साथ ही हर बेरोजगार छात्र और उनके परिवार की आशाओं पर पानी फेरा गया है। जिस प्रकार से आज माननीय न्यायालय का निर्णय आया है यह इन छात्रों के भविष्य का हनन करने वाला है। जितनी बार सज ।तज की भर्ती आयी उतनी बार फाईन आर्ट्स के विधार्थीयों को न्यायालय की शरण में जाकर संघर्ष करना पड़ा है। और अपनी योग्यता साबित करनी पड़ रही है। अनेक बार आयोग में जाकर हमारे नियमों को सही करने को कहा लेकिन उन्होंने यह कहकर बात टाल दी कि जब आपकी नियुक्ति होगी तब आना। इस बार की भर्ती परीक्षा में हो रहे अन्याय की पूर्ण जिम्मेदार सरकार है। जो ठीक से न्यायालय में फाइन आर्ट्स की पैरवी नहीं कर पायी। आज माननीय न्यायालय द्वारा छब्म्ज् 2014 के अनुसार सभी के लिये इ़ म्क अनिवार्य करने का फैसला लिया गया है। माननीय न्यायालय को बताना चाहता हूँ इससे पूर्व जितनी सज् ।तज भर्ती परीक्षा आयी उसमें फाईन आर्ट्स को ठ़ मक की बाध्यता नहीं रही है। और आज न्यायालय हमें इ़कम्क मांग रहा है।हम सरकार और उच्च न्यायालय से यह पूछते हैं कि फाईनआर्ट्स जो 4 वर्षीय पूर्णकालिक कोर्स है जिसमें ड्राइंग, पेंटिंग्स, प्रिंटमेकिंग, अप्लाइड आर्ट्स, कम्पयूटर ग्राफिक्स कि पढ़ाई होती है।जिसे ठ़ म्क के आहर्ता के समकक्ष रखा गया है। उनके लिए इ़ म्क अनिवार्यता कभी भी नहीं रही है।और न ही कोई शिक्षण संस्थान इनको ठ़ म्क करा सकता है। जब फाईन आर्ट्स के विधार्थी केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय, क्ैैैठ के पदों पर आवेदन कर सकते है तो माननीय न्यायालय और उत्तराखंड सरकार द्वारा हमाको क्यों अनदेखा किया जा रहा है। इस प्रकार के फैसले पर सरकार पुन: विचार कर हमारे मामले को संज्ञान में लेकर योग्य विधार्थीयों को न्याय दिलाकर जल्द से जल्द सज ंतज का परिणाम घोषित करे।

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