प्रेमनगर के सरकारी अस्पताल में कोविड सेंटर बनाने का किया विरोध
देहरादून। कोरोना के बढ़ रहे मामलों को देखते हुए सरकार ने प्रेमनगर के सरकारी अस्पताल में 15 बेड का कोविड सेंटर बनाने का निर्णय लिया है, ताकि इस क्षेत्र के कोविड के गंभीर मरीजों का उपचार यहां किया जा सके। कोविड सेंटर बनाने का कार्य अस्पताल में शुरू भी हो गया है। हालांकि स्थानीय लोगों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। लोगों का कहना है कि कोविड सेंटर बन जाने के बाद अन्य मरीजों का उपचार यहां बंद कर दिया जाएगा। इसके चलते मरीजों को ज्यादा परेशानी शुरू हो जाएगी। प्रेमनगर के सरकारी अस्पताल में रोजाना लगभग 200-250 लोग ओपीडी में उपचार के लिए आते हैं। यहां फिजिशियन, बाल रोग विशेषज्ञ, स्त्री रोग विशेषज्ञ, दंत चिकित्सक आदि के डॉक्टर मरीजों का उपचार करते हैं। पैथोलॉजी लैब की भी सुविधा है। इस अस्पताल में नगर निगम क्षेत्र, छावनी परिषद क्षेत्र तथा ग्रामीण क्षेत्र से लोग विभिन्न बीमारियों का उपचार कराने यहां आते हैं। लोगों को डर है कि कोविड सेंटर बन जाने के बाद सामान्य ओपीडी बंद हो जाएगी। इससे मरीजों को उपचार के लिए इधर से उधर भटकना पड़ेगा। सबसे ज्यादा परेशानी यहां की गर्भवती महिलाओं को होगी। उपचार के लिए इनको दून महिला अस्पताल में जाना पड़ेगा। कोविड सेंटर बन जाने के बाद और सरकारी अस्पतालों की तरह यहां की ओपीडी भी बंद कर दी जाएगी ये संभावनाएं हैं। अगर ऐसा हुआ तो सबसे ज्यादा परेशानी गर्भवती महिलाओं को होगी। यहां कोविड सेंटर नहीं बनना चाहिए। -गीता बिष्ट, पूर्व उप प्रधान आरकेडिया
15 बेड का यहां कोविड सेंटर बनना है। इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। कोविड सेंटर के बाद ओपीडी खुलेगी या बंद रहेगी ये जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग को तय करनी है। -उमाशंकर कंडवाल, अधीक्षक, राजकीय संयुक्त चिकित्सालय प्रेमनगर