प्रतिबंध के बाद भी खूंखार कुत्तों को पाल रहे लोग
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : केंद्र ने रोटविलर, पिटबुल सहित कुत्तों की 23 खूंखार प्रजातियों को पालने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। लेकिन, कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र में इस खूंखार कुत्तों को पालना मानो स्टेटस सिंबल बन गया है। ऐसा नहीं कि क्षेत्र में पल रहे इन खूंखार कुत्तों ने किसी पर हमला न किया हो। लेकिन, यह बात अलग है कि घायल होने वाले घर के ही सदस्य थे। इस कारण मामला घर के घर में ही दबा रह गया। हैरानी की बात तो यह है कि नगर निगम के पास क्षेत्र में पल रहे इन प्रतिबंधित खूंखार कुत्तों के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र में सुबह व शाम के वक्त सड़कों पर रोटविलर व पिटबुल जैसी खूंखार प्रजाति के कुत्तों को घुमाते लोग आसानी से देखे जा सकते हैं। इन कुत्तों ने भले ही सड़कों पर आज तक किसी राहगीर पर हमला न किया हो। लेकिन, कब हमला कर दें, इस संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। हालांकि, घर के सदस्यों पर रोटविलर व पिटबुल के हमले किए जा चुके हैं। चिकित्सालय प्रशासन की माने तो पिछले छह महीनों में पांच ऐसे मामले सामने आए, जिसमें घर के किसी सदस्य पर पिटबुल अथवा रोटविलर ने हमला किया। स्थिति यह है कि खूंखार प्रजाति के कुत्ते पालना क्षेत्र में स्टेटस सिंबल का बन गया है। बताना जरूरी है कि पिछले सप्ताह पूर्व देहरादून में प्रतिबंधित प्रजाति के रोटविलर कुत्ते ने एक बुजुर्ग पर हमला कर दिया। हमले में बुरी तरह घायल बुजुर्ग के शरीर पर दो सौ टांके लगे। साथ ही कई हड्डियां भी टूट गई थी।
नगर निगम को नहीं खूंखार प्रजाति के कुत्तों की जानकारी
नियमानुसार, क्षेत्र में पालतू व आवारा कुत्तों के बारे में नगर निगम के पास पूर्ण जानकारी होती है। पालतू कुत्तों को नगर निगम में पंजीकृत किए जाने का नियम भी है। लेकिन, कोटद्वार नगर निगम में आज तक एक भी पालतू कुत्ते को पंजीकृत नहीं किया गया है। अलबत्ता, आवारा कुत्तों का बधियाकरण अवश्य करवाया है। हालांकि, कोटद्वार नगर निगम गठित हुए आठ वर्ष हो चुके हैं। लेकिन, आज तक निगम में पशु चिकित्सक की तैनाती नहीं हुई है।