वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए जन सहभागिता जरूरी
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : श्री गुरू गोरखनाथ पर्यावरणीय संरक्षण एवं संवर्धन समिति की बैठक में वनाग्नि की बढ़ती घटनाओं पर चिंता व्यक्त की है। कहा कि इस संबध में आम जन को जागरूक किया जाना आवश्यक है। बिना जन सहभागिता के जंगलों में आग लगने की घटनाओं को रोका नहीं जा सकता है। बैठक में तय किया गया कि 24 मई को सेंधीखाल स्थित श्री गुरूगोरखनाथ मंदिर में पर्यावरण संरक्षण व वनाग्नि नियंत्रण हेतु जनसहभागिता विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया जायेगा।
समिति की शनिवार को पदमपुर सुखरौ स्थित कार्यालय में आयोजित बैठक में बैठक में वन संपदा के संरक्षण के लिए सामूहिक जन सहभागिता की जरूरत पर जोर दिया गया। कहा कि वनाग्नि को रोकने के लिए सामूहिक प्रयास किए जाने चाहिए। जनसहभागिता से वनाग्नि पर काबू पाना संभव है। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि जन सहभागिता के अभाव में वनाग्नि की घटनाएं बढ़ रही हैं। वनों में आग लगने के कारण वन्य जंतु मानव बस्ती की ओर रूख कर रहे हैं। इससे भी मानव-वन्य जीव संघर्ष की आशंका पैदा हो रही है। कहा कि वन्य जंतुओं को मानव बस्ती की ओर रूख करने से बचाने के लिए हमें जन सहयोग से वनों को बचाना होगा। वनों में आग लगाने के प्रति आम जन को जागरूक करना होगा। बैठक में समिति अध्यक्ष आरपी पंत, अशोक नेगी, डीआर बौंठियाल, मोहन सिंह नेगी, जगदीश जोशी, सुनील नेगी, प्रकाश हेमदान, सतीश चंद्र और विमलेश कुमार आदि मौजूद रहे।