राजपुरा-मोहाली नई रेल लाइन को मिली मंज़ूरी
जयन्त प्रतिनिधि।
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पंजाब के लिए एक और बड़ी रेल उपलब्धि हासिल हुई है। पंजाब में लंबे समय से प्रतीक्षित राजपुरा-मोहाली नई रेल लाइन को मंज़ूरी मिल गई है और नई वंदे भारत एक्सप्रेस सेवा भी संचालन किया जायेगा। यह सेवा फिरोजपुर कैंट-भटिंडा-पटियाला-दिल्ली मार्ग पर चलेगी और सप्ताह में छ: दिन चलेगी तथा 6 घंटे 40 मिनट में 486 किमी. की दूरी तय करेगी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को घोषणा की कि रेलवे परिचालन में उल्लेखनीय सुधार हुआ है और देश भर के 70 में से 29 रेलवे मंडलों में 90 प्रतिशत से अधिक समयपालन दर हासिल की गई है। कुछ मंडलों ने 98 प्रतिशत से अधिक समयपालन दर के साथ प्रदर्शन किया है। यह बेहतर बुनियादी ढाँचे, योजना और रेलवे नेटवर्क में सुचारू संचालन के कारण संभव हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पंजाब के लिए एक और बड़ी रेल उपलब्धि हासिल हुई है। पंजाब में लंबे समय से प्रतीक्षित राजपुरा-मोहाली नई रेल लाइन को मंज़ूरी मिल गई है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने मंगलवार को यह घोषणा की। इससे पंजाब के लोगों की 50 साल से भी ज्यादा पुरानी मांग पूरी हो गई है। 18 किलोमीटर लंबी इस रेल लाइन पर 443 करोड़ रुपये खर्च होंगे और यह मालवा क्षेत्र को राज्य की राजधानी चंडीगढ़ से सीधे जोड़ेगी। मालवा क्षेत्र के सभी 13 जिले अब चंडीगढ़ से अच्छी तरह जुड़ जाएंगे। इससे मौजूदा राजपुरा-अंबाला मार्ग पर यातायात सुगम होगा और अंबाला-मोरिंडा संपर्क छोटा हो जाएगा। सभी उपलब्ध विकल्पों में से, इस मार्ग को इसलिए चुना गया, क्योंकि इसमें कृषि भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता सबसे कम है, जिससे कृषि गतिविधियों पर न्यूनतम प्रभाव पड़ता है। यह परियोजना कपड़ा, विनिर्माण और कृषि सहित उद्योगों को बढ़ावा देगी। यह पंजाब के कृषि क्षेत्र को प्रमुख वाणिज्यिक केंद्रों और बंदरगाहों से जोड़ने वाला एक व्यापक नेटवर्क बनाएगी। पहले लुधियाना से चंडीगढ़ पहुंचने के लिए ट्रेनों को अंबाला होकर जाना पड़ता था, जिससे दूरी और समय दोनों बढ़ जाते थे। अब राजपुरा और मोहाली के बीच सीधा संपर्क होगा, जिससे यात्रा की दूरी लगभग 66 किलोमीटर कम हो जाएगी। फिरोजपुर-पट्टी रेल लाइन सीमावर्ती जिलों और गुजरात के बंदरगाहों के बीच महत्वपूर्ण संपर्क प्रदान करेगी। यह सेवा पंजाब के सीमावर्ती जिलों (अमृतसर, तरन तारन, फिरोजपुर) को जोड़ने वाला एक आर्थिक गलियारा बनाएगी। ये प्रमुख शहरों और अंतत: गुजरात के बंदरगाहों से जुड़ेंगे, जिससे रसद लागत में उल्लेखनीय कमी आएगी।
नई वंदे भारत एक्सप्रेस सेवा
एक नई वंदे भारत एक्सप्रेस सेवा प्रस्तावित है जो निम्नलिखित को जोड़ेगी:
मार्ग: फिरोजपुर कैंट-भटिंडा-पटियाला-दिल्ली
सेवा: सप्ताह में 6 दिन (बुधवार को छोड़कर)
यात्रा समय : 6 घंटे 40 मिनट, 486 किमी. की दूरी तय करेगी
आवृत्ति : सीमावर्ती जिले को राष्ट्रीय राजधानी से जोड़ने वाली दैनिक सेवा
पंजाब में रिकॉर्ड रेलवे निवेश
2009-14 औसत: 225 करोड़ रुपये सालाना
2025-26- 5,421 करोड़ रुपये सालाना
पिछली सरकार की तुलना में 24 गुना वृद्धि
2014 से अब तक की प्रमुख उपलब्धियां
382 किलोमीटर नई पटरियों का निर्माण
1,634 किलोमीटर विद्युतीकरण पंजाब अब 100 प्रतिशत विद्युतीकृत
409 रेल फ्लाईओवर और अंडर-ब्रिज का निर्माण
वर्तमान परियोजनाएं :
पंजाब में 25,000 करोड़ रुपये की रेलवे परियोजनाएं क्रियान्वित
21,926 करोड़ रुपये की लागत से 714 किलोमीटर लंबी 9 नई ट्रैक परियोजनाएं
1,122 करोड़ रुपये की लागत से 30 अमृत स्टेशनों का विकास किया जा रहा है
1,238 करोड़ रुपये की लागत से 88 आरओबी/आरयूबी (फ्लाईओवर/अंडरपास)
2014 से महत्वपूर्ण परियोजनाएं पूरी तरह से चालू हो गईं
1- नंगल बांध-दौलत पुर चौक नई लाइन (61 किलोमीटर, 672 करोड़)
2- चक्की बैंक-भरोली दोहरीकरण (3 किमी., 15 करोड़)
3- जाखल-मनसा दोहरीकरण (45 किलोमीटर, 163 करोड़)
4-जालंधर-सुचि पिंड दोहरीकरण (4 किमी., 24 करोड़)
5- अम्बाला-चंडीगढ़ दोहरीकरण (45 किलोमीटर, 338 करोड़)
6- मनसा-भटिंडा दोहरीकरण (49 किमी., 216 करोड़)
7- अमृतसर-छेहरटा दोहरीकरण (7 किलोमीटर, 31 करोड़)
8- जालंधर-जम्मू तवी दोहरीकरण (211 किलोमीटर, 850 करोड़)
9- राजपुरा-बठिंडा दोहरीकरण (173 किमी., 2,459 करोड़)
निर्माणाधीन मुख्य परियोजनाएं
1- नंगल डैम-तलवाड़ा नई लाइन (123 किमी, 2,018 करोड़)
2- भानुपल्ली-बिलासपुर-बेरी नई लाइन (63 किमी., 6,753 करोड़)
3- फिरोजपुर-पट्टी नई लाइन (26 किमी., 300 करोड़)
4-मानसा-भटिंडा दोहरीकरण (80 किमी., 449 करोड़)
5- लुधियाना-किला रायपुर दोहरीकरण (17 किमी., 238 करोड़)
6- लुधियाना-मुल्लांपुर दोहरीकरण (21 किमी., 295 करोड़)
7-अलाल-हिम्मतना दोहरीकरण (13 किमी., 174 करोड़)
छठ और दिवाली के दौरान 12,000 विशेष ट्रेनें चलेंगी
विशेष रेल सेवाएं
पिछले वर्ष: 7,724 विशेष रेलगाड़ियां
इस वर्ष लक्ष्य: 12,000 विशेष रेलगाड़ियां
पहले ही अधिसूचित: 10,000 से अधिक फेरे
अनारक्षित रेलगाड़ियां: 150 रेलगाड़ियां शीघ्र परिचालन के लिए तैयार
अतिरिक्त: 50 और रेलगाड़ियां जल्द ही अधिसूचित की जाएगी
यात्रियों की अधिकतम आवाजाही आमतौर पर 15 अक्टूबर से 15 नवंबर के बीच होती है और रेलवे इस भीड़ को संभालने के लिए पूरी तरह तैयार है।