चंडीगढ़ , पंजाबवासियों के लिए रेलवे ने बड़ी राहत का ऐलान किया है। लंबे समय से अटके चंडीगढ़-राजपुरा रेल प्रोजेक्ट को हरी झंडी मिल गई है। 18 किलोमीटर लंबे इस नए ट्रैक पर करीब 443 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह ट्रैक मोहाली, फतेहगढ़ साहिब और पटियाला से होकर गुजरेगा और इसके बन जाने से मालवा क्षेत्र समेत पूरे पंजाब के यात्रियों को सीधा लाभ मिलेगा।
इस लाइन के जुड़ने से चंडीगढ़ अब सीधे लुधियाना, जालंधर और अमृतसर से कनेक्ट हो जाएगा। पहले ट्रेनें अंबाला होकर घूमकर आती थीं, लेकिन अब दूरी में कमी आने से यात्रियों का समय और खर्च दोनों बचेंगे। रेलवे के अनुसार, इस प्रोजेक्ट को तीन साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है और राज्य सरकार से जमीन अधिग्रहण में सहयोग मांगा गया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान से इस बारे में वे सीधे बातचीत करेंगे। इस मौके केंद्रीय रेल राज्यमंत्री रवनीत सिंह बिट्टू भी मौजूद थे।
रेल मंत्री ने यह भी खुलासा किया कि पंजाब से एक नई वंदे भारत ट्रेन चलाने का प्रस्ताव तैयार है। यह ट्रेन फिरोजपुर कैंट से शुरू होकर बठिंडा, धूरी, पटियाला, अंबाला कैंट, कुरुक्षेत्र और पानीपत होते हुए दिल्ली पहुंचेगी। कुल 486 किलोमीटर का सफर यह ट्रेन 6 घंटे 40 मिनट में पूरा करेगी। ट्रेन सुबह 7:55 बजे फिरोजपुर से चलेगी और दोपहर 2:30 बजे दिल्ली पहुंचेगी। वापसी में शाम 4:00 बजे दिल्ली से रवाना होकर रात 10:35 बजे फिरोजपुर पहुंचेगी। यह सेवा सप्ताह में 6 दिन (बुधवार छोड़कर) चलाई जाएगी। फिलहाल अमृतसर-दिल्ली और अमृतसर-कटरा रूट पर दो वंदे भारत ट्रेनें पहले से चल रही हैं।
रेलवे में बढ़ा निवेश
रेल मंत्री ने बताया कि 2014 से पहले पंजाब को रेलवे बजट में 225 करोड़ रुपये मिलते थे, जिसे अब बढ़ाकर 5421 करोड़ रुपये कर दिया गया है। वर्तमान में राज्य में रेलवे का लगभग 25 हजार करोड़ रुपये का निवेश हो चुका है।
407 अंडरपास और फ्लाईओवर पूरे किए गए हैं।
30 नए अमृत स्टेशन विकसित हो रहे हैं, जिन पर 20-20 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
पंजाब की 1634 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन पूरी तरह विद्युतीकृत हो चुकी है।
दिवाली-छठ पर स्पेशल ट्रेनों की सौगात
रेलवे ने त्योहारों पर यात्रियों की सुविधा के लिए 12 हजार स्पेशल ट्रेनें चलाने का ऐलान किया है। यह ट्रेनें 1 अक्टूबर से 15 नवंबर तक चलेंगी। पिछले साल जहां 7,500 से अधिक ट्रेनें चलाई गई थीं, वहीं इस बार संख्या बढ़ाकर 12,000 की गई है। इनमें से 10,000 ट्रेनें पहले ही नोटिफाई हो चुकी हैं।