पुरानी पेंशन की मांग को लेकर कर्मचारियों ने रखा उपवास
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के तत्वाधान में रविवार को पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर कर्मचारी एक दिवसीय पारिवारिक उपवास पर रहे। जिले में राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अनिल बडोनी ने कहा कि नई पेंशन योजना में कर्मचारी सेवानिवृत्त होने के बाद उन्हें गुजारे लायक भी पेंशन नहीं मिल पायेगी। जिस कारण नई पेंशन योजना को लेकर कर्मचारियों में रोष है। पुरानी पेंशन को बहाल करने के लिए केंद्र को राज्य सरकार ने पत्र लिखा है, लेकिन अभी तक केंद्र द्वारा इस पर ध्यान नहीं दिया गया।
प्रदेश महासचिव सीताराम पोखरियाल ने कहा कि जब तक पुरानी पेंशन बहाल नहीं हो जाती तब तक यह संघर्ष अनवरत रूप से जारी रहेगा। संयुक्त मोर्चा ने लगातार कोरोना काल में भी ईमानदारी से संघर्ष को जारी रखा है। इसी संघर्ष का परिणाम है कि सरकार पुरानी पेंशन के लिए नींद से जाग गयी है और केंद्र सरकार को पत्र भेजा है। आज देश के 66 लाख कर्मचारी पुरानी पेंशन की बहाली के लिए 1 दिन का उपवास रखकर सरकार से आग्रह कर रहे हैं कि पुरानी पेंशन को बहाल कर कर्मचारियों को बुढ़ापे की चिंता से मुक्त करें। सरकार हमारे प्रयासों पर ध्यान दे रही है यह बहुत अच्छी बात है, लेकिन राज्य सरकार के मात्र पत्र लिख देना भर हमारी जीत नहीं है। उत्तराखंड में 2 लाख के आसपास कर्मचारी है ये कर्मचारी यदि पेंशन के लिए एक जुट हो जाएं तो सरकार अवश्य पुरानी पेंशन योजना को बहाल करेगी। उपवास पर राज्य के हजारों कर्मचारियों के साथ जयदीप रावत, नरेश भट्ट, देवेंद्र बिष्ट, सौरभ नौटियाल, लक्ष्मण रावत, प्रवीण भट्ट, योगित पंत, रेनू डांगला, निर्मला थापा, भवान नेगी, कमलेश मिश्रा, जसपाल रावत, गुरुदेव रावत, मिलिन्द बिष्ट, आलोक पांडेय, कैलाश प्रकाश, कपिल पांडे, राजीव कुमार, त्रिभुवन बिष्ट, राजेन्द्र शर्मा, दया जोशी, सुबोध कांडपाल, भास्करानंद आदि रहे।