पूर्व विधायक ने सुनी पिंडर घाटी में प्रवासियों की पीड़ा
बागेश्वर। प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार की प्रवासियों को स्वरोजगार से जोड़ने की योजना को पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण से हवाहवाई बताया। उन्होंने कहा कि चार महीने से प्रवासी गांवों में रुके हैं, लेकिन उन्हें स्वरोजगार के लिए लोन तक नहीं मिल रहा है। बैंक लोन लेने वालों से पांच साल का बैंक स्टेटमेंट मांग रहा है। छोटी सी नौकरी में परिवार चलाने वालों के पासबुक में इतनी धनराशि नहीं कि उन्हें लोन मिल पाए। सरकार ऐसे प्रवासियों को लोन देने के लिए नियमों में शिथिलता लाए, वरना सभी प्रवासी खुद को ठगा महसूस करेंगे। पिंडरघाटी क्षेत्र का भ्रमण करने के बाद पूर्व विधायक ने यह बात कही है। उन्होंने कहा कि वे तीन दिन से क्षेत्र के भ्रमण पर थे। इस दौरान उन्होंने सैकड़ों की संख्या में प्रवासियों से बात की। अधिकतर प्रवासियों ने बताया कि वह स्वरोजगार अपनाकर अपने ही घर में रहना चाहते हैं, लेकिन उन्हें लोन की राशि नहीं मिल रही है। जिस बैंक में भी जा रहे हैं उनसे बैंक पांच साल का बैंक एकाउंट का स्टेटमेंट मांग रहा है। उन्होंने बताया कि वह छोटी सी नौकरी कर अपने बच्चों का किसी तरह लालन पालन कर रहे थे। बैंक स्टेटमैंट में उनके खातों में लाखों की धनराशि जमा नहीं है। यदि होती तो वे लोग लोन ही नहीं लेते। इसके अलावा कई प्रवासियों की जमीन उनके नाम नहीं चढ़ी है। उनके दादा या पिता के नाम जमीन है, जबकि कई लोगों के दादा और पिता का निधन भी हो चुका है। जमीन नाम करने में भी उन्हें दिक्कत आ रही है। मौन पालन, दुग्ध डेयरी सहित छोटे उद्योग स्थापित करने के लिए वे लोन लेना चा रहे हैं, लेकिन उन्हें नहीं मिल रहा है। फर्स्वाण ने कहा कि प्रदेश सरकार सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए हर प्रवासी को लोन देने की बात कर रही है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। लोग अब खुद को ठगा महसूस करने लगे हैं। उन्होंने कहा कि बैंक आरबीआई के गाइड लाइन के अनुसार ही लोन देती है। केंद्र सरकार को चाहिए कि लोन के नियमों को शिथिल करे, तांकि इसका लाभ हर प्रवासी को मिल सके। यदि सरकार ने इस पर ठोस कदम नहीं हुआ तो आने वाले समय में पहाड़ की स्थिति और भयावह हो जाएगी। इस मौके पर उनके साथ पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी, खिलाफ दानू ,प्रहलाद कपकोटी, दुर्गा दयाराकोटी, भरत दानू, नरेंद्र दानू आदि मौजूद रहे।