पुतिन 5वीं बार बने रूस के राष्ट्रपति, शपथ लेते ही नाटो को दी चेतावनी, कहा- हम पर दबाव डाला तो मचा देंगे तबाही
रुस , व्लादिमिर पुतिन ने रूस के राष्ट्रपति के तौर पर पांचवीं बार शपथ ले ली है। इसी के साथ उन्होंने अपने इरादे भी साफ कर दिए हैं। पुतिन ने शपथ लेने के बाद पहले ही संबोधन में स्पष्ट शब्दों में कह दिया है कि यह पश्चिमी देशों पर निर्भर है कि वह रूस से बातचीत करना चाहते हैं या फिर रूस के विकास में बाधा डालने की कोशिश करते हुए हमारे गुस्से का शिकार होना चाहते हैं।पुतिन ने पश्चिम का नाम लेकर अप्रत्यक्ष तौर पर नाटो को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर हम पर दबाव डालना जारी रखा तो तबाही के लिए तैयार रहें। रूस के राष्ट्रपति का यह शपथ ग्रहण समारोह क्रेमलिन ग्रैंड पैलेस में हुआ और इसमें संसद और संवैधानिक न्यायालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
दबाव नहीं झेलेंगे
पुतिन ने रूस के भविष्य और पश्चिमी देशों के साथ अपने संबंधों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि हम पश्चिमी देशों से बातचीत के लिए तैयार हैं, ये उनको चुनना है कि वे रूस से बातचीत करें या हमारे ऊपर दबाव की नीति को जारी रखने की कोशिश करेंगे, जैसा कि वे कई वर्षों से करते चले आ रहे हैं। पुतिन ने कहा कि यदि वे बातचीत करना चाहते हैं तो उसमें सुरक्षा और रणनीतिक स्थिरता जैसे मुद्दे शामिल होने चाहिए। जो भी बातचीत हो वो समान शर्तों पर होनी चाहिए और उसमें अहंकार और खुद को सुपीरियर मानने जैसा भाव नहीं होना चाहिए।
क्रेमलिन के सोने से सुसज्जित सेंट एंड्रयूज हॉल में 71 वर्षीय ने पुतिन ने कहा कि पांचवीं बार रूस के नेतृत्व करने का मौका मिलना मेरे लिए पवित्र कर्तव्य के समान हैं, यह दो दशक से अधिक के शासन का विस्तार है। पुतिन ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि हाल के कुछ वर्षों में समाज बदल गया है। आज विश्वसनीयता, पारस्परिक जिम्मेदारी, ईमानदारी, शालीनता, बड़प्पन और साहस को लोग महत्व दे रहे हैं। पुतिन ने कहा कि वह राज्य के प्रमुख के तौर पर अपनी शक्तियों का प्रयोग कर उन रूसी नागरिकों को आगे बढ़ाएंगे, जिन्होंने अपनी वफादारी साबित की है और अपने सर्वोत्तम मानवीय पेशेवर गुण अपनाए हैं। ऐसे नागरिकों को प्रशासन, अर्थव्यवस्था और अन्य क्षेत्रों में महत्वपूर्ण पद दिए जाएंगे।पुतिन ने रूसी लोगों के प्रति उन पर भरोसा जताने के लिए आभार जताया। पुतिन ने अपनी शक्ति के भीतर वो सब कुछ करने की कसम खाई जो वह देश के लिए कर सकते हैं। इसके बाद उन्होंने लोगों को एकजुटता का आह्वान किया।