नई दिल्ली, एजेंसी। राहुल गांधी के घर पहुंची दिल्ली पुलिस अब वापस लौट चुकी है। उन्हें राहुल गांधी से पूछताछ के लिए दो घंटे का इंतजार करना पड़ा। इसके बाद भी दिल्ली पुलिस को उन प्रश्नों का उत्तर नहीं मिला, जिसके लिए वह राहुल गांधी के घर पहुंची थी। कांग्रेस नेता ने उत्तर देने के लिए कुछ और समय मांगा है। कांग्रेस ने इसे ‘बदले की राजनीति’ और उनके नेताओं को ‘डराने’ की कोशिश करार दिया है। बड़ा प्रश्न है कि इस पूछताछ का असली उद्देश्य क्या है? राहुल गांधी को गिरफ्तार करने की तैयारी है या जिस भारत जोड़ो यात्रा से कांग्रेस की छवि मजबूत हुई थी, उसे पंचर करने की तैयारी है?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के समापन अवसर पर 30 जनवरी को श्रीनगर में भाषण देते हुए कहा था कि यात्रा के दौरान उनसे कई महिलाएं मिलीं और उन्होंने अपने साथ यौन शोषण होने की शिकायत की। दिल्ली पुलिस ने कहा है कि वह समझना चाहती है कि क्या दिल्ली में भी किसी महिला ने उनसे ऐसी शिकायत की थी। यदि ऐसा है तो वह इन मामलों की जांच करना चाहती है। लेकिन इस मामले पर दिल्ली पुलिस की अतिसंवेदनशीलता पर सवाल उठ रहे हैं।
दरअसल, कांग्रेस नेताओं के साथ-साथ कई राजनीतिक विश्लेषक भी मानते हैं कि भारत जोड़ो यात्रा से कांग्रेस की छवि मजबूत हुई है। इससे राहुल गांधी भी ज्यादा परिपक्व और विश्वसनीय नेता के तौर पर उभरे हैं। यही कारण है कि इस यात्रा की सफलता से उत्साहित कांग्रेस ने शीघ्र ही भारत जोड़ो यात्रा 2.0 निकालने की घोषणा कर दी है। इस चरण में पूरब से लेकर पश्चिम तक के राज्यों को कवर करने की तैयारी है। यदि इस चरण में भी कांग्रेस की रणनीति सफल रही तो उसे इसका लाभ मिल सकता है। इससे कांग्रेस को पूर्वोत्तर के राज्यों के साथ-साथ बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और गुजरात में अपनी जड़ें मजबूत करने का अवसर मिल सकता है। इस पूरी यात्रा का उद्देश्य 2024 का लोकसभा चुनाव माना गया था।
यही कारण है कि कुछ राजनीतिक विश्लेषक दावा कर रहे हैं कि एक सोची-समझी रणनीति के अंतर्गत ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की छवि को पंचर करने की कोशिश की जा रही है। चर्चा है कि यह पूरी तरह से अगले लोकसभा चुनाव को लेकर लड़ी जा रही राजनीतिक लड़ाई है, जिसमें दोनों पक्षों का उद्देश्य अपनी छवि मजबूत करना और विपक्षी दल की छवि खराब करना है। दिल्ली पुलिस, प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई इसमें एक मोहरे के तौर पर काम कर रहे हैं। चूंकि, राहुल गांधी और सोनिया गांधी सहित कांग्रेस के कई शीर्ष नेताओं को नेशनल हेराल्ड सहित कई मामलों में कोर्ट का सामना करना पड़ा है, लेकिन इन मामलों में अब तक किसी नेता को सजा नहीं हुई है, लिहाजा इस बात की संभावना न के बराबर ही है कि केवल एक बयान के सहारे राहुल गांधी पर शिकंजा कसा जा सके। भारत जोड़ो यात्रा की घटना को उठाकर ही प्रश्न खड़े करने से उस छवि को नुकसान पहुंच सकता है, जिसे इस यात्रा का हासिल बताया गया था। लिहाजा दावा किया जा रहा है कि इस पूछताछ के निशाने पर भारत जोड़ो यात्रा ही है।
ऑल इंडिया कांग्रेस दलित महिला कांग्रेस की नेता रितु चौधरी ने अमर उजाला से कहा कि इसी दिल्ली में अनेक महिलाओं से दुष्कर्म होते हैं, सरेराह महिलाओं को छेड़खानी का सामना करना पड़ता है, लेकिन किसी पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिलता। ज्यादातर अवसरों पर देखा जाता है कि दिल्ली पुलिस ऐसे मामलों में संवेदनहीन बनी रहती है और अपराधियों के हौसले बुलंद होते रहते हैं। ऐसे में उसी दिल्ली पुलिस की केवल एक बयान पर ज्यादा संवेदनशील होना उसकी मंशा पर प्रश्न खड़े करता है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस किसी महिला उत्पीड़न के मामले की जांच नहीं करना चाहती, बल्कि इसके जरिए राहुल गांधी को डराने, धमकाने और उन्हें रोकने की कोशिश की जा रही है। इसके पहले भी कई जांच के बहाने गांधी परिवार को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई थी, लेकिन हर जांच में वे बेदाग निकले। उन्होंने कहा कि इस बार भी उन पर कोई आंच नहीं आएगी, लेकिन इससे भाजपा जनता के बीच बेनकाब हो रही है और लोगों को यह समझ आ रहा है कि राजनीतिक लाभ के लिए हर जांच एजेंसी का बेशर्मी से दुरुपयोग किया जा रहा है।