उत्तराखंड

गैरसैंण पाती मेले में राधा-कृष्ण की झांकिया रही आकर्षण का केंद्र

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चमोली : श्री कृष्ण जन्मोत्सव के बाद गैरसैंण के राधा कृष्ण मंदिर परिसर में पारंपरिक पाती मेले में बड़ी संख्या में मेलार्थी उमड़े तथा पाती स्तंभ के दर्शन व उस पर सजाये गये फल-फूल, कुंज व अनाज आदि को श्रद्धा के साथ प्राप्त कर पुण्य कमाया। बता दें के गैरसैंण के राधा कृष्ण मंदिर में प्रति वर्ष श्री कृष्ण जन्मोत्सव की खुशी में एक दिन बाद वर्षों से पाती मेले का आयोजन किया जाता है। इससे पूर्व जन्मोत्सव पर भजन कीर्तन एवं राधा कृष्ण की सुन्दर झांकियां बनायी जाती है व मंदिर को सजाया जाता है। कृष्ण जन्मोत्सव के बाद पाती मेले का आयोजन किया जाता है तथा कई मीटर पाती स्तंभ को परिसर में पवित्र स्थल पर गाड़ कर स्तंभ को विभिन्न प्रकार के फलों फूलों व अनाज की बालियों से सजाया जाता है। दोपहर बाद धार्मिक अनुष्ठान के उपरांत देव अवतरित व्यक्ति इस पर नाचते गाते हुये चढता है तथा इस पर रखे गये विभिन्न प्रकार के फल, फूल अनाज आदि को दर्शकों की ओर फेंकता है जिससे लोग प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं ओर मेला जुटता है। मेले के दौरान राधाकृष्ण मंदिर पुजारी सुबोध गौड़, दिनेश गौड़, जनार्दन पुजारी, निर्वतमान नपंअ पुष्कर रावत, पूर्व नपंअ गंगा पंवार, लक्ष्मी रावत, नंदन सिंह, मेहरवान सिंह, महेश जुयाल, धन सिंह, देवेन्द्र और राजेन्द्र आदि थे। ग्रामीण महेन्द्र पंवार ने बताया कि इस बार डांगीधार के ग्रामीणों के सौजन्य से 24 मीटर पाती स्तंभ मेले में लाया गया था। प्रखड के भैडियाणा नामक स्थान पर भी इसी प्रकार पाती मेले का आयोजन किया गया था। इसमें भी सैकड़ों की संख्या में मेलार्थियों ने प्रतिभाग किया। (एजेंसी)

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