‘राहुल का रुख हमेशा चीन समर्थक रहा, वे भारत के विकास को पचा नहीं पा रहे’; धर्मेंद्र प्रधान
नई दिल्ली, एजेंसी। चीन द्वारा हाल ही में जारी किए गए अपने आधिकारिक नक्शे में अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को अपना हिस्सा दिखाने के बाद भारत ने इस पर नाराजगी जताई है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन के दावे को खारिज भी किया है। वहीं, दूसरी ओर राजनीतिक हलकों में इस मुद्दे पर वार-पलटवार भी शुरु हो चुका है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि मैंने तो पहले ही बोला था की प्रधानमंत्री झूठ बोल रहे हैं कि लद्दाख में एक इंच जमीन भी नहीं गई है। जिसके बाद भाजपा नेता धर्मेंद्र प्रधान ने राहुल पर पलटवार भी किया है।
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि राहुल गांधी ने बार-बार अपना मानसिक दिवालियापन दिखाया है। वह भारत के विकास को पचा नहीं पा रहे हैं। उनका रुख हमेशा चीन समर्थक रहा है। आज भारत का नेतृत्व और उसकी रक्षा शक्ति दुनिया भर में जानी जाती है। उनमें भारत के प्रति पारिवारिक हताशा है और यह इस बात को दर्शाता है।
चीन द्वारा अपने आधिकारिक नक्शे में अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को अपना हिस्सा दिखाए जाने पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा कि मैंने तो पहले ही बोला था की प्रधानमंत्री झूठ बोल रहे हैं कि लद्दाख में एक इंच जमीन भी नहीं गई है। उन्होंने आगे कहा कि मैं लद्दाख से हाल ही में वापस आया हूं। वहां सब जानते हैं कि चीन ने हमारी जमीन हड़प ली है। राहुल ने आगे कहा कि नक्शे का मुद्दा गंभीर है। उन्होंने जमीन तो ले ही ली है। प्रधानमंत्री को इसके बारे में कुछ कहना चाहिए।
गौरतलब है कि चीन ने हाल ही में अपने मानक मानिचत्र का नया संस्करण जारी किया है। चीन द्वारा मानचित्र जारी करते ही विवाद खड़ा हो गया। दरअसल, चीन ने भारत के अरुणाचल प्रदेश, अक्साई चीन, ताइवान और दक्षिण चीन सागर को अपने क्षेत्र में दिखाया। इसके बाद भारत ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश हमेशा से भारत का अभिन्न अंग रहा है और हमेशा रहेगा।
चीनी अखबार ने बताया था कि चीन ने सोमवार को 2023 का नया मानचित्र जारी किया है। यह नक्शा चीन और दुनिया के विभिन्न देशों की राष्ट्रीय सीमाओं की ड्राइंग पद्धति के आधार पर संकलित किया गया है। मानचित्र में अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चीन को भी अपने क्षेत्र में दर्शाया है। बता दें, चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा मानता है। हालांकि, भारत ने चीन के इस मानचित्र को खारिज किया है। भारत का कहना है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है और भविष्य में भी यह भारत का ही अविभाज्य हिस्सा रहेगा।
वहीं, चीन ताइवान को भी अपने क्षेत्र का हिस्सा मानता है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का उद्देश्य है कि वे ताइवान का एकीकरण करें। इसके लिए चीन वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया, ब्रुनेई और दक्षिण चीन सागर पर भी अपना दावा करता है।