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मिस्र : 1973 इजरायल-अरब युद्ध के बाद उत्तरी सिनाई में फिर से शुरू होगी रेल सेवा

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काहिरा , मिस्र के उत्तरी सिनाई में आधी सदी से भी अधिक समय बाद फिर से रेल सेवा शुरू होगी। यहां 100 किलोमीटर लंबे रेलमार्ग का ट्रायल ऑपरेशन शुरू हो गया है। मिस्र के परिवहन और उद्योग मंत्री कामेल अल-वजीर ने उद्घाटन समारोह में कहा, इस लाइन के शुरू होने से सिनाई से अन्य प्रांतों तक लोगों और माल की आवाजाही आसान हो जाएगी, नए शहरी इलाकों और औद्योगिक क्षेत्रों के विकास को बढ़ावा मिलेगा, उत्तरी सिनाई में आर्थिक परियोजनाओं को समर्थन मिलेगा।अल-फरदान-बीर अल-अब्द लाइन सिनाई प्रायद्वीप में रेल संपर्क को आधुनिक बनाने और विस्तार देने के उद्देश्य से एक बडे प्रोजेक्ट का पहला चरण है।मिस्र के परिवहन और उद्योग मंत्रालय ने अल-फरदान को ताबा से जोड़ते हुए लाइन को लगभग 500 किलोमीटर तक विस्तारित करने की घोषणा की।मिस्र एक व्यापक आर्थिक सुधार कार्यक्रम के हिस्से के रूप में अपने परिवहन बुनियादी ढांचे को उन्नत करने के लिए काम कर रहा है।1973 के अरब-इजरायल युद्ध के बाद क्षेत्र में संघर्ष और सैन्य अभियानों के कारण सिनाई में ट्रेन सेवाएं काफी हद तक निलंबित कर दी गई थीं।बता दें 1973 अरब-इजरायल युद्ध को योम किप्पुर युद्ध, रमजान युद्ध, जैसे नामों से भी जाना जाता है। युद्ध के दौरान ज्यादातर लड़ाई सिनाई प्रायद्वीप और गोलान हाइट्स में हुई जिस पर 1967 में इजरायल ने कब्जा कर लिया था। कुछ लड़ाई मिस्र और उत्तरी इजरायल में भी हुई।युद्ध 6 अक्टूबर 1973 को शुरू हुआ, जब अरब गठबंधन ने यहूदी पवित्र दिन योम किप्पुर के दौरान इजरायल पर एक आश्चर्यजनक हमला किया।योम किप्पुर युद्ध को इस लिहाज से अहम माना जाता है कि इसके बाद अरब देश और इजरायल, दोनों ही पक्ष समझौतावादी रुख अपनाते दिखे।1978 में कैंप डेविड समझौता हुए, जब इजरायल ने सिनाई प्रायद्वीप को मिस्र को वापस कर दिया और मिस्र-इजरायल शांति संधि हुई, जिसमें पहली बार किसी अरब देश ने इजरायल को मान्यता दी।

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