रेलवे बोर्ड के अवसंरचना सदस्य सुंकेर ने किया यूएसबीआरएल परियोजना का निरीक्षण

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जयन्त प्रतिनिधि।
दिल्ली : रेलवे बोर्ड के अवसंरचना सदस्य आरएन सुंकेर ने उत्तर रेलवे और केआरसीएल के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ यूएसबीआरएल परियोजना के कटरा-बनिहाल खंड का गहन और विस्तृत निरीक्षण किया। उन्होंने देश के ‘‘पहले केबल आधारित पुल अंजी ब्रिज के चल रहे महत्वपूर्ण कार्यों का निरीक्षण किया।
26 अप्रैल,2023 को रिकॉर्ड 11 महीने की अवधि में सभी 96 केबल पूरी तरह से स्थापित किए गए थे। आरएन सुंकेर ने रियासी स्टेशन यार्ड, सुरंग टी-1, सुरंग टी-13 एवं 14 और पुल सं. 60 के साथ-साथ कटरा से सवालकोट तक अन्य कार्यों का भी निरीक्षण किया। अंजी पुल के निरीक्षण के बाद रेलवे बोर्ड के अवसंरचना, सदस्य श्री सुंकेर ने सुरंग-3 और सुरंग-5 के बीच रियासी स्टेशन यार्ड का भी निरीक्षण किया। रियासी यार्ड एक अन्य विशालकाय पुल सं. 39 पर स्थित है, जो 490 मीटर चौड़े सतत संपूर्ण स्टील गर्डर है और पियर की ऊंचाई 35.08 मीटर से 105 मीटर तक परिवर्तित होती रहती है तथा सबसे ऊंचे पियर पी-5 की ऊंचाई नींव स्तर से 105 मीटर है। उन्हें यह भी जानकरी दी गई कि पुल का निर्माण पूरा हो चुका है और गिट्टी रहित ट्रैक बिछाने की तैयारी चल रही है। आरएन सुंकेर ने मोटर ट्रॉली द्वारा बक्कल से डुग्गा सैक्शन का निरीक्षण किया। उन्हें जानकारी दी कि सैक्शन में गिट्टी रहित ट्रैक (बीएलटी) बिछा दिया गया है और इलेक्ट्रो-मैकेनिकल उपकरणों की स्थापना का कार्य प्रगति पर है। उन्होंने सुरंग टी-13, पुल सं. 60 और सुरंग टी-14 का भी निरीक्षण किया। सुरंग टी-139 (9.3 किमी लंबी) यूएसबीआरएल परियोजना के डुग्गा और सवालकोट स्टेशनों को जोड़ती है। पुल नं.-60 की लंबाई 250 मीटर है जो सुरंग टी-13 एवं टी-14 के बीच स्थित है और सवालकोट स्टेशन के प्लेटफार्मों को समायोजित करता है। 6.3 किमी. लंबी सुरंग टी-14 सवालकोट-संगलदन सैक्शन में स्थित है। 3209 मीटर लंबी सुरंग टी-1 कटरा-रियासी सैक्शन में स्थित है, इसका 309 मीटर का हिस्सा मेन बाउंड्री थ्रस्ट जोन से होकर गुजर रहा है। अब केवल 132 मीटर सुरंग की खुदाई का काम शेष है तथा अत्यंत कठिन एवं चुनौतीपूर्ण भौगोलिक परिस्थितियों की वजह से कार्य धीरे-धीरे, किंतु निरंतर आगे बढ़ रहा है। हर दिन, भारतीय रेलवे कश्मीर घाटी को शेष रेलवे नेटवर्क से जोड़ने के करीब पहुंच रहा है।

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