रेलवे ने 42 यात्री ट्रेनें रद कींय कुछ को जल्द ही बहाल किया जाएगा
नयी दिल्ली, एजेंसी। देश भर में कोयला रेक की आवाजाही को प्राथमिकता देने के लिए रेलवे ने ताप विद्युत संयंत्रों में महत्वपूर्ण आपूर्ति की कमी से निपटने के लिए 42 यात्री ट्रेनों को रद कर दिया है। इनमें से 40 ट्रेनें 24 मई तक रद रहेंगी और बाकी दो को 8 मई तक बहाल कर दिया जाएगा।
ट्रांसपोर्टर ने पिछले कुछ हफ्तों में कोयले की रेक की आवाजाही को प्राथमिकता दी है। इसने अपने 86 प्रतिशत आवश्यक वस्तुओं के खुले वैगनों को बिजली संयंत्रों के काम में लगा दिघ्या है। रेलवे के एक प्रवक्ता ने कहा कि रद की गई ट्रेनों की कुल संख्या 40 हैं, जिसमें पहले रद की गई ट्रेनें शामिल हैं। रद की गई ट्रेनों की कुल संख्या 1,081 है, जो 24 मई तक रद रहेंगी। उन्होंने कहा कि अधिकांश प्रभावित ट्रेनें (34) दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे क्षेत्र में हैं। उत्तर रेलवे ने आठ ट्रेनों को रद कर दिया है, जिनमें से दो को आठ मई तक बहाल कर दिया जाएगा।
बिजली संकट के कारण जहां 26 मेल और एक्सप्रेस ट्रेनें प्रभावित हुई हैं, वहीं कोयले की आवाजाही पर ध्यान देने के कारण 16 पैसेंजर स्पेशल या मेमू प्रभावित हुई हैं। केंद्र सरकार को उम्मीद है कि इस महीने बिजली की मांग बढ़ेगी और इसलिए विभिन्न राज्यों में बिजली उत्पादन संयंत्रों के लिए जितना संभव हो, उतना कोयला ले जाना चाहती है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, रद किए जाने के बाद रेलवे ने कोयला रेकों की औसत दैनिक लोडिंग 400 प्रतिदिन से अधिक कर दी है, जो पिछले पांच वर्षों में सबसे अधिक है।
तकरीबन छह-सात महीने के अंतराल पर ही देश के समक्ष दोबारा बिजली संकट पैदा होने से केंद्र सरकार चिंतित है, लेकिन अब इस समस्या के जड़ में जाने को लेकर मंथन शुरू हो गया है। पिछले सोमवार को बिजली संकट के स्थायी समाधान को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उच्चस्तरीय बैठक की थी। इसमें बिजली मंत्री आरके सिंह, रेलवे मंत्री अश्वनी वैष्णव और कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी के अलावा कुछ दूसरे वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में बिजली मंत्रालय में गैस व कोयले की कमी की वजह से फंसे बिजली संयंत्रों को शुरू करने पर नए सिरे से विचार शुरू हुआ है।