कुमाऊं के तराई क्षेत्र में बारिश ने तबाही मचाई
हल्द्वानी। कुमाऊं के तराई क्षेत्र में बारिश ने तबाही मचाई है। नदी का पानी बस्तियों में भरने पर रुद्रपुर में 395 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया है। यहां एसडीआरएफ ने जलभराव में फंसे 65 लोगों को राफ्ट से रेस्क्यू किया। उधर, काशीपुर में उफनाई ढेला नदी की चपेट में आने से एक अधेड़ बह गया, जिसका सुराग नहीं लग सका है। वहीं बागेश्वर जिले के कांडा क्षेत्र स्थित विजयपुर में एक स्कूल की छत भरभराकर गिर गई। गनीमत रही कि उस वक्त छात्र-छात्राएं मिड-डे-मील के लिए दूसरे भवन में थे। वर्ना यहां बड़ी अनहोनी हो सकती थी। पहाड़ के पांच जिलों में बारिश के चलते 58 सड़कों पर आवाजाही ठप हो गई है।
मंगलवार देर रात से हुई बारिश के कारण रुद्रपुर में कल्याणी नदी का जलस्तर एकाएक बढ़ा और जगतपुरा, शक्ति विहार, आजादनगर एवं तीनपानी डैम क्षेत्र की बस्तियों में पानी भर गया। यहां बाढ़ के हालात होने पर प्रशासन ने 395 परिवारों को चार राहत शिविरों में शरण दी गई है। रुद्रपुर में जलभराव से कुल 460 लोग प्रभावित हुए। काशीपुर में बुधवार को जंगा कॉलोनी, कचनाल गाजी निवासी 57 वर्षीय रामभरोसे पुत्र राजाराम ढेला के तेज बहाव की चपेट में आने से बह गए। सर्च अभियान में फिलहाल उनका कोई सुराग नहीं लग सका है।
बागेश्वर में स्कूल की छत गिरी, पांच मकान भी धराशायी
बागेश्वर जिले में बारिश से पांच मकान ध्वस्त हो गए। ताकुला रोड में रैखोली के पास मलबे में फंसे ट्रक के भीतर से चालक का सुरक्षित रेस्क्यू किया गया। जिले के कांडा क्षेत्र में स्थित इंटर कॉलेज विजयपुर में एक कमरे की छत अचानक भरभराकर गिर गई। इससे स्कूल में भगदड़ मच गई। स्कूल प्रबंधक प्रकाश भट्ट ने बताया कि यहां 150 से अधिक बच्चे पढ़ते हैं। गनीमत ये रही कि हादसे के वक्त बच्चे मिड डे मील के लिए दूसरे भवन में थे।
टनकपुर-पिथौरागढ़ एनएच तीन घंटे बाधित
चम्पावत में टनकपुर-पिथौरागढ़ एनएच स्वाला में मलबा आने से तीन घंटा बाधित रहा। लगातार बारिश के कारण बुधवार को नैनीताल में नैनीझील का जलस्तर 9.8 फीट तक पहुंच गया, जो इस मानसून सीजन में रिकॉर्ड जलस्तर है। अल्मोड़ा में सात, बागेश्वर में नौ, पिथौरागढ़ में 20, चम्पावत में 12 और नैनीताल जिले में 12 आंतरिक सड़कों पर आवाजाही ठप है।