कोटद्वार-पौड़ी

बारिश ने बढ़ाई ठिठुरन, काश्तकारों के खिले चेहरे

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : नगर और आसपास के पर्वतीय क्षेत्रों में शुक्रवार सुबह से रुक-रुककर हो रही सीजन की पहली बारिश से क्षेत्र में ठंड बढ़ गई है। बारिश से क्षेत्र के काश्तकारों ने राहत की सांस ली है। वहीं पूरा इलाका ठिठुरन की चपेट में आ गया है। लोगों ने ठंड से बचाव के लिए अलाव का सहारा लिया।
पिछले कुछ दिन से क्षेत्र में ठंड का प्रकोप बढ़ने लगा था। शुक्रवार सुबह अचानक मौसम ने करवट बदल दी। सुबह से आसमान में बादल छाए हुए थे और हल्की-हल्की बूंदा-बांदी हो रही थी। रुक-रुक कर हो रही बारिश का दौर देर शाम तक चलता रहा। अचानक हुई बारिश को गेहूं की फसल के लिए संजीवनी बताया जा रहा है। काश्तकार रमेश्वर सिंह, मुन्नी देवी, राजीव सिंह ने बताया कि बारिश से गेहूं की फसल को फायदा मिलेगा। वहीं, बारिश के साथ ठिठुरन भी बढ़ गई है। कोटद्वार बाजार में भी लोगों की संख्या कम हो गई है। उधर, लैंसडौन, चरेख, दुगड्डा, यमकेश्वर, सतपुली, दुधारखाल, धुमाकोट सहित अन्य पर्वतीय क्षेत्रों में भी बारिश का दौर पूरे दिन चलता रहा। पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश के साथ चल रही शीत लहरों ने ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ा दी है।

अलाव जलने का इंतजार
लगातार बढ़ रही ठंड के बीच नगर निगम ने बाजार क्षेत्र में तो अलाव जलाना शुरू कर दिया। लेकिन, अलाव की आंच अब तक भाबर क्षेत्र में नहीं पहुंच पाई है। जबकि, भाबर क्षेत्र में स्थित फैक्ट्रियों में सैकड़ों श्रमिक काम करते हैं। भाबरवासी कई बार मुख्य चौराहों में अलाव जलाने की भी मांग उठा चुके हैं। कहा कि नगर निगम बनने के बाद भी भाबर क्षेत्र की अनदेखी की जा रही है।

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