जल्द सुधरेंगे राइंका कैंडुल ठांगर के हालात
-स्कूल विभिन्न निर्माण कार्यों को सरकार ने स्वीकृत की है धनराशि
-तेजी से किया जा रहा निर्माण कार्य, बच्चों को जल्द मिलेंगे सुरक्षित कक्ष व शौचालय
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : द्वारीखाल ब्लॉक के राजकीय इंटर कॉलेज कैंडुल ठांगर के हालात जल्द ही सुधर जाएंगे। सरकार ने इस स्कूल में विभिन्न निर्माण कार्यों को करीब 40 लाख के अतिरिक्त 30 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत की है। शिक्षा विभाग के अनुसार उक्त स्कूल में मरम्मत व निर्माण कार्य शुरू भी हो गया है, जिसके जल्द पूरा होने की उम्मीद है। निर्माण पूरा होने के बाद छात्र-छात्राओं को सुरक्षित कक्षा कक्षों के साथ ही शौचालय की सुविधा भी उपलब्ध हो जाएगी।
बता दें कि राजकीय इंटर कॉलेज कंडूल ठांगर में कक्षा कक्षों की हालत इतनी खराब थी कि शिक्षक भी उन्हें इन कक्षों में पढ़ाने से डरते थे। आए दिन छात्र-छात्राओं की कक्षाएं खुले प्रांगण में लगाई जाती थीं। सामान्य मौसम में तो खुले प्रांगण में पढ़ाई करना आसान होता था, लेकिन भीषण गर्मी और बरसात के समय ऐसा संभव नहीं हो पाता था, जिससे मजबूरन बच्चों को छुट्टी पर भेज दिया जाता था। उधर, विद्यालय के एक ओर गहरी खाई है, जिससे छात्र-छात्राओं के जीवन पर संकट मंडराता रहता है। इसके अलावा विद्यालय में एक शौचालय तक की व्यवस्था नहीं थी। जिससे छात्र-छात्राओं को खुले में शौच को मजबूर होना पड़ता था। छात्र-छात्राओं की इस गंभीर समस्या को ‘दैनिक जयन्त’ समाचार पत्र ने प्रमुखता से प्रकाशित किया और अधिकारियों के संज्ञान में लाया। अब सरकार ने इस विद्यालय की मरम्मत समेत शौचालय निर्माण को करीब 30 लाख रुपये स्वीकृत किए हैं। इससे पहले एक विज्ञान प्रयोगशाला कक्ष, एक आर्ट/क्राफ्ट कक्ष निर्माण के लिए करीब 40 लाख रुपये स्वीकृत किए जा चुके हैं। जिनमें से करीब 15 लाख रुपये दिए भी जा चुके हैं। कार्यदायी संस्था ग्रामीण निर्माण विभाग प्रखंड कोटद्वार को बनाया गया है। अधिकारियों के अनुसार मरम्मत कार्य शुरू हो चुका है, जल्द ही निर्माण कार्य पूर्ण हो जाएगा।
यह होने हैं निर्माण कार्य
सरकार की ओर से स्वीकृत करीब 40 लाख रुपये की लागत से राजकीय इंटर कॉलेज कैंडुल ठांगर में एक विज्ञान प्रयोगशाला कक्ष, एक आर्ट/क्राफ्ट कक्ष का निर्माण होना है। वहीं 30 लाख रुपये की लागत से एक प्रधानाचार्य कक्ष, एक शौचालय व 75 मीटर सुरक्षा दीवार का निर्माण किया जाएगा।
16 गांवों के एक मात्र स्कूल में शिक्षकों की कमी को पूरा करना बाकी
विद्यालय में कई महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षकों समेत चार चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पद रिक्त चल रहे हैं। जिससे छात्र-छात्राओं के पठन पाठन पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। कई बार शिक्षा विभाग से इस संबंध में शिकायत की जा चुकी है, लेकिन आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। यह स्कूल 16 गांवों का एक मात्र स्कूल है। जहां एक समय में करीब 250 बच्चे पढ़ा करते थे, लेकिन सरकार की अनदेखी के चलते आज यहां लगातार छात्र संख्या घटती जा रही है।