उत्तराखंड

जगदीश के हत्यारों को सख्त सजा देने की मांग उठाई

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पिथौरागढ़। अल्मोड़ा जनपद के भिकियासैंण में हुए हत्याकांड के खिलाफ युवाओं ने प्रदर्शन कर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा प्रदेश में जातिगत हिंसा की घटनाएं दिन-पर-दिन बढ़ रही हैं। कहा भिकियासैंण में अंर्तजातीय विवाह करने के बाद नवदंपत्ति को लगातार धमकियां मिल रही थीं। उन्होंने पुलिस-प्रशासन से सुरक्षा की गुहार लगाई। लेकिन किसी ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया, जिस कारण दलित युवक की हत्या कर दी गई। इस हत्याकांड के पीटे पुलिस-प्रशासन जिम्मेदार है। इस दौरान उन्होंने ऐसे लापरवाह अधिकारियों और हत्यारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। सोमवार को पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष महेंद्र रावत के नेतृत्व में युवा कलक्ट्रेट पहुंचे। यहां उन्होंने अल्मोड़ा पुलिस और प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा प्रदेश में जातिगत हिंसा और उत्पीड़न के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, जो चिंता का विषय है। कहा भिकियासैंण में दलित युवक जगदीश को अंर्तजातीय विवाह करने की सजा जान गंवाकर चुकानी पड़ी है। इस हत्या के पीटे अल्मोड़ा पुलिस और प्रशासन जिम्मेदार है। विवाह के बाद नवदंपत्ति को हर रोज जान से मारने की धमकी मिल रही थी। दोनों ने पुलिस अधिकारियों को पत्र देकर सुरक्षा की गुहार लगाई। लेकिन उनकी बात को गंभीरता से नहीं लिया गया। अगर पुलिस ने उनकी परेशानी गंभीरता से समझी होती तो शायद दलित युवक को जान न गंवानी पड़ती। इससे साफ है पुलिस और प्रशासन दलितों की परेशानी को अनदेखा करता आ रहा है, जो समाज के लिए घातक है। यह हत्याकांड पुलिस की कार्यशैली पर बढ़ा प्रश्नचिह्न है, जिसकी जांच होनी चाहिए। इस दौरान युवाओं ने दोषी अधिकारियों और जगदीश के हत्यारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा अगर मामले की जांच में लापरवाही बरती गई तो वे सड़कों पर उतरने को बाध्य होंगे।
ये रहे शामिलरू शीलत, अभिषेक, मोहित, रजत, गार्गी, निधि खर्कवाल, गणेश, विक्की, गोविंद, एकता, दीपक कापड़ी, शीतल, ललित, कमल, पंकज, रमेश, रवि आदि।

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