मुंबई , महाराष्ट्र की राजनीति में आज उस वक्त एक बड़ा सियासी भूचाल आ गया, जब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (रूहृस्) प्रमुख राज ठाकरे तमाम अटकलों को दरकिनार करते हुए करीब 6 साल बाद अपने चचेरे भाई उद्धव ठाकरे के आवास ‘मातोश्रीÓ पहुंचे। मौका था उद्धव ठाकरे के जन्मदिन का, लेकिन इस एक मुलाकात ने राज्य के राजनीतिक समीकरणों में एक नई हलचल पैदा कर दी है। उद्धव ठाकरे ने भी सारी पुरानी बातें भुलाकर खुद गेट पर आकर राज ठाकरे का गर्मजोशी से गले लगाकर स्वागत किया।
राजनीतिक गलियारों में किसी को भी इस मुलाकात की उम्मीद नहीं थी। सूत्रों के अनुसार, रविवार सुबह राज ठाकरे ने अचानक उद्धव ठाकरे को जन्मदिन की शुभकामनाएं देने के लिए ‘मातोश्रीÓ जाने का फैसला किया। उन्होंने मनसे नेता बाला नंदगांवकर के फोन से सीधे शिवसेना (क्चञ्ज) सांसद संजय राउत को फोन किया और कहा, “मैं उद्धव को जन्मदिन की बधाई देने मातोश्री आ रहा हूं।”
संजय राउत ने तुरंत यह जानकारी उद्धव ठाकरे को दी, जिसके बाद राज ठाकरे दादर स्थित अपने आवास ‘शिवतीर्थÓ से बांद्रा के लिए रवाना हो गए।
जैसे ही राज ठाकरे के ‘मातोश्रीÓ पहुंचने की खबर फैली, वहां मौजूद ठाकरे गुट के कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। राज ठाकरे की गाड़ी जब बंगले के गेट पर पहुंची तो कार्यकर्ताओं ने उन्हें घेर लिया और ‘जय महाराष्ट्रÓ के नारे लगाए। खुद संजय राउत उनकी अगवानी के लिए गेट पर मौजूद थे।
हालांकि, सबसे चौंकाने वाला दृश्य तब देखने को मिला जब उद्धव ठाकरे, जो आमतौर पर किसी का स्वागत करने के लिए गेट पर नहीं आते, खुद राज ठाकरे के स्वागत के लिए बाहर आए। दोनों भाइयों ने एक-दूसरे को गले लगा लिया। इस मौके पर राज ठाकरे ने उद्धव को लाल गुलाब का एक खूबसूरत गुलदस्ता भेंट किया। दोनों के बीच करीब 20 मिनट तक मुलाकात चली।
आपको बता दें कि राज ठाकरे का लगभग छह साल में यह पहला ‘मातोश्रीÓ दौरा है। इससे पहले वे 5 जनवरी, 2019 को अपने बेटे अमित ठाकरे की शादी का निमंत्रण देने उद्धव के घर गए थे। हाल ही में वर्ली में हुई ‘मराठी विजय रैलीÓ में दोनों भाइयों के एक साथ आने के बाद गठबंधन की अटकलें ठंडी पड़ गई थीं, लेकिन आज की इस मुलाकात ने एक बार फिर महाराष्ट्र की राजनीति में ठाकरे बंधुओं के एक साथ आने की चर्चाओं को हवा दे दी है।
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