राजस्व गांवों पर 21 अप्रैल तक स्थिति साफ करे सरकार, नहीं तो मुख्य सचिव होंगे तलब : हाईकोर्ट

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नैनीताल । हाईकोर्ट ने ऊधमसिंह नगर जिले के तीन गांव शिपका, शिपका मिलख और मनोरारथपुर थर्ड को राजस्व गांव नहीं बनाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने राज्य सरकार को 21 अप्रैल तक स्थिति साफ करने के निर्देश देते हुए पूछा है कि तीनों गांवों को राजस्व गांव घोषित किया गया है या नहीं, अन्यथा मुख्य सचिव को तलब किया जाएगा।
सोमवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में मनोरथपुर थर्ड निवासी मुख्तयार सिंह व पंजाब सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें कहा गया है कि 1958 में तुमडिया डैम बनने से शिपका, शिपका मिलख व मनोरथ पुर थर्ड गांव की साढ़े तीन सौ हेक्टेयर भूमि चली गई थी। जिसके बाद इन गांवों को रिजर्व फोरेस्ट की भूमि दे दी गई। रिजर्व फरेस्ट की भूमि के बाद भी से यह गांव राजस्व गांव नहीं रहे। राजस्व गांव नहीं होने के कारण भूमि न तो बेच सकते हैं न ही खरीद सकते हैं। इनको किसी भी तरह के सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। पूर्व में केंद्र सरकार ने इन गांवों को राजस्व गांव बनाने की अनुमति भी दी थी, फिर भी राज्य सरकार ने राजस्व गांव नहीं बनाया। इसके बाद सरकार ने यह परमिशन 2017 में वापस ले ली। याचिकाकर्ताओं ने इन गांवों को राजस्व गांव घोषित करने की मांग की है।
हाईकोर्ट ने सोमवार को प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति की तिथि आगे बढ़ाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान शिक्षा सचिव भी कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने सुनवाई की अगली तिथि 12 अप्रैल नियत कर दी है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में पौड़ी गढ़वाल के समाजसेवी अनु पंत ने जनहित याचिका दायर की है और कहा है कि पिछले साल जुलाई में प्रस्तावित सीटीईटी इस साल जनवरी में हो सकी। परीक्षा परिणाम फरवरी में आए। राज्य सरकार ने पिछले साल दिसंबर व इस साल जनवरी में दस जिलों में 2248 प्राथमिक शिक्षक के रिक्त पदों की भर्ती प्रक्रिया आरंभ कर दी। सीटीईटी प्रमाण पत्र जमा करने की अंतिम तिथि दिसंबर 2020 व जनवरी 2021 रख दी। मगर जिन अभ्यर्थियों की परीक्षा के नतीजे फरवरी में आए, उनको आवेदन से वंचित कर दिया गया। भर्ती प्रक्रिया पर शिथिलता नहीं देने पर हाई कोर्ट ने शिक्षा सचिव को तलब किया था, सोमवार को शिक्षा सचिव हाई कोर्ट में पेश हुए। इस दौरान एनआइओएस से डीएलएड करने वाले अभ्यर्थियों से संबंधित मामला भी आया।

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