राज्य आंदोलनकारी भुवनेश्वरी घिल्डियाल का 91 वर्ष में निधन

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देहरादून। उत्तराखंड आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाली वयोवृद्ध राज्य आंदोलनकारी भुवनेश्वरी घिल्डियाल (91 वर्ष) का सोमवार रात निधन हो गया। मंगलवार को हरिद्वार में उनका अंतिम संस्कार किया गया। वह बीते कुछ समय से अस्वस्थ थीं। राज्य आंदोलनकारियों के संगठनों ने उनके निधन पर शोक जताया है। मूल रूप से पौड़ी के खिर्सू ब्लॉक की भुवनेश्वरी वर्तमान में देहरादून में सिनौला में परिवार संग रह रही थीं। सोमवार को देर शाम उन्होंने आवास में ही अंतिम सांस ली। उनके चार बेटे और एक बेटी है। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच के प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी और जिलाध्यक्ष प्रदीप कुकरेती ने बताया कि पृथक उत्तराखंड राज्य आंदोलन में मातृ शक्ति ने अहम भूमिका निभाई। आंदोलन के दौरान भुवनेश्वरी घिल्डियाल भी जेल भरो, भूख हड़ताल, जुलूस, प्रदर्शन आदि में सक्रिय रहीं। वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी सुशीला बलूनी, उषा भट्ट और सरोज पंवार ने भी भुवनेश्वरी के निधन पर शोक जताया और उन्हें श्रद्धा सुमन र्अिपत किए। उषा भट्ट ने बताया कि वर्ष 1996 में राज्य नहीं तो चुनाव नहीं को लेकर मिनी सचिवालय (वर्तमान में नया सचिवालय) के बाहर प्रदर्शन के दौरान मेरे साथ भुवनेश्वरी भी घायल हुई थीं। उन्होंने कहा कि भुवनेश्वरी हमेशा आंदोलन में आगे रहती थीं। चिह्नित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के मुख्य संरक्षक धीरेंद्र प्रताप ने शोक जताते हुए कहा कि राज्य आंदोलनकारियों का सम्मान किया जाना चाहिए। ओमी उनियाल, मोहन खत्री, जयदीप सकलानी, पूर्ण सिंह लिंगवाल, कुसुम ध्यानी, प्रभा बहुगुणा, कैलाश ध्यानी, रामलाल, सुमन भंडारी, विनोद असवाल आदि ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी।

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