राज्य आंदोलनकारी का गांव सड़क से अछूता

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जयन्त प्रतिनिधि।
सतपुली। सरकार हर गांव को सड़क से जोड़ने की बात कर रही है, लेकिन आज भी कई गांव सड़क जैसी मूलभूत सुविधा से वंचित है। उत्तराखण्ड राज्य बनने के बीस वर्ष बाद भी राज्य आंदोलनकारी का गांव रौतेला सड़क से नहीं जुड़ पाया है। जिस कारण ग्रामीणों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। राज्य आंदोलनकारी ने जल्द ही गांव को सड़क से न जोड़ने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी महिपाल सिंह रावत ने बताया कि अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग श्रीनगर द्वारा वर्ष 2010 में ग्रामसभा कांडा के ग्राम रौतेला-बड़खोलू वाया धोलादार से होते हुए बौंसाल मोटर मार्ग तक की स्वीकृति दी गई थी। सड़क निर्माण कार्य तेजी से शुरू किया गया, लेकिन पुल न बनने के कारण मोटर मार्ग का लाभ नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि उनका गांव फिर भी सड़क से नहीं जुड़ पाया है, जबकि बड़खोलू और बौंसाल दोनों ओर से सड़क निर्माण किया जा रहा है। पुल निर्माण का शासनादेश न होने से धौलीधार से कांडा मोटर मार्ग का 1.5 किलोमीटर कार्य रुका हुआ है। वहीं पीएमजीएसवाई द्वारा बड़खोलू से रौतेला तक सड़क निर्माण की स्वीकृति दी गई, लेकिन पीएमजीएसवाई सड़क रौतेला गांव तक नहीं पहुंच पाई है। उन्होंने कहा कि बौंसाल से भी सड़क निर्माण हो रहा है, लेकिन वह भी अधूरा है, जिस कारण आज तक रौतेला गांव सड़क से नहीं जुड़ पाया है। उन्होंने कहा कि धौलधार-कांडा मोटर मार्ग को बौंसाल पुल से जोड़ा जाय, ताकि रौतेला गांव सड़क मार्ग से जुड़ सके और ग्रामीणों को यातायात सुविधा का लाभ मिल सके।

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