राज्य सरकार दो सप्ताह में शांतिकुंज केस की फाइल पेश करें
नैनीताल। हाईकोर्ट ने सोमवार को 8 नवंबर 2011 को शांतिकुंज हरिद्वार में हवन के दौरान मची भगदड़ में 20 लोगों की मौत और 67 लोगों के घायल होने के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। इसमें कोर्ट ने राज्य सरकार से दो सप्ताह के भीतर संबंधित केस की फाइल कोर्ट में पेश करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 5 अक्तूबर को होगी। आज सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि संबंधित केस का पूरा रिकॉर्ड गायब कराया जा चुका है, जिससे कि यह केस दुबारा से खुल न सके, इसलिए इस केस का पूरा रिकार्ड मंगाया जाए। मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि कुमार मलिमथ एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ में हुई। अधिवक्ता विवेक शुक्ला की ओर से मामले में जनहित याचिका दायर की गई है। इसमें कहा है कि शांतिकुंज हरिद्वार के परमाध्यक्ष प्रणव पंड्या ने अपने गुरु श्रीराम शर्मा की 8 नवंबर 2011 को जन्म शताब्दी मनाई थी। इसमें अलग-अलग राज्यों के पांच मुख्यंत्रियों समेत कई वीआईपी मिलाकर लगभग एक लाख लोग शामिल हुए थे। शांतिकुंज परिवार ने वीआईपी व आम जनता के हवन करने के लिए अलग-अलग व्यवस्था की थी। जहां पर सामान्य लोगों के लिए हवन करने की व्यवस्था की गई थी, वहां पर भगदड़ मचने से करीब 20 लोगों की आकस्मिक मौत हो गई, जबकि 67 लोग घायल हो गए थे। अभी तक किसी भी पीड़ित परिवार को मुआवजा नहीं दिया गया है। मामले में पुलिस द्वारा अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। जब जांच समाप्त हुई तो सरकार ने केस रफा-दफा कर दिया। सरकार ने कहा कि लोकहित देखते हुए इस मामले को आगे नहीं बढ़ाना चाहती है। याचिकाकर्ता ने कोर्ट से प्रार्थना कि है कि इस मामले की पुन: जांच की जाए। क्योंकि इतने बड़े आयोजन में पुलिस की सहायता नहीं ली गई और न ही पीड़ितों को इसका मुआवजा ही दिया गया है। सोमवार को सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार से दो सप्ताह के भीतर संबंधित केस की फाइल कोर्ट में पेश करने को कहा है।